फादर्स डे: पिता ने बेटी के नाम लिखा ये भावुक पत्र…दी जीवन की अनमोल सीख…
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी, और जब मेरी उम्र ढलान पर उतर आएगी, अटल इरादे साथ रखना उम्र के हर पायदान पर, तू खुद को सफल पाएगी, बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी… बेटी मगर ये याद रखना परिस्थितिया कोई भी हों, फैसले जो भी लो, मजबूत मगर हाथ रखना, देखना कितने तूफानों …
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी,
और जब मेरी उम्र ढलान पर उतर आएगी,
अटल इरादे साथ रखना उम्र के हर पायदान पर,
तू खुद को सफल पाएगी,
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी…
बेटी मगर ये याद रखना परिस्थितिया कोई भी हों,
फैसले जो भी लो, मजबूत मगर हाथ रखना,
देखना कितने तूफानों से गुजरना होता है लड़कियों को,
न चाहते हुए भी कई बार मुकरना होता है लड़कियों को,
कभी समझदार तो कभी नासमझ होना होता है लड़कियों को,
बेटी जब तू इस धूप-छांव के खेल को समझ जाएगी,
कोई आंच फिर तेरी तरफ नहीं आएगी,
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी…
बेटी यहा मुसीबतों की शाम भी है,
और उम्मीदों के सवेरे भी जिंदगी है ये,
यहां उजाले भी हैं और अंधेरे भी,
अन्धेरों को देख कभी कमज़ोर मत पड़ना,
बेटियां ताकतवर होती हैं याद रखना,
उम्र है कि धीरे-धीरे सब समझाएगी,
अन्धेरे और उजाले के मायने बताएगी,
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी…
ग़जब तो ये है कि मां- बाप का सहारा अब बेटियां बनती हैं,
अपने सभी दर्द छोड़ वो मा-बाप को चुनती हैं,
मगर बेटी तू सबको साथ रखना,
इन्सानियत बड़ी चीज है ये बात याद रखना,
मेरी उंगली पकड़ कर, तूने पहला कदम बढ़ाया था,
मजबूती से बढ़ने का हुनर तुझे मैने ही सिखाया था,
मगर बेटी उम्र के उस पड़ाव में भी मेरा हाथ थामे रखना,
मैं थक जाऊ कोई बात नहीं मगर तू कभी मत थकना,
उम्र के साथ एक दिन मेरी कलाई ढीली पड़ जाएगी,
और तेरी हथेली से मेरी कलाई हमेशा के लिये छूट जाएगी,
बेटी जब तू बड़ी हो जाएगी…
-डाॅ. भुवन तिवारी
असिस्टेंट प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान) एमबी राजकीय स्ना. महाविद्यालय हल्द्वान, नैनीताल
उत्तराखंड
