हल्द्वानी: बीमा व्यवसाय संशोधन विधेयक के पारित होने से कर्मचारियों में उबाल
हल्द्वानी, अमृत विचार। लोकसभा में सामान्य बीमा राष्ट्रीयकरण अधिनियम में संशोधन के लिए पारित हुए विधेयक पर बीमा कर्मचारियों ने आक्रोश जताया है। बीमा कर्मचारी संघ हल्द्वानी डिविजन ने बुधवार को एलआईसी मंडलीय कार्यालय परिसर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार पर सामान्य बीमा कंपनियों के निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। …
हल्द्वानी, अमृत विचार। लोकसभा में सामान्य बीमा राष्ट्रीयकरण अधिनियम में संशोधन के लिए पारित हुए विधेयक पर बीमा कर्मचारियों ने आक्रोश जताया है। बीमा कर्मचारी संघ हल्द्वानी डिविजन ने बुधवार को एलआईसी मंडलीय कार्यालय परिसर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार पर सामान्य बीमा कंपनियों के निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
संगठन के मंडलीय महामंत्री डीके पांडे ने कहा कि सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 का पारित होना न केवल एक सरकारी आम बीमा कंपनी के निजीकरण के सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाता है, बल्कि यह एक झटके में सभी आम बीमा कंपनियों के निजीकरण का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
कहा कि सरकार कहती है कि इससे अर्थव्यवस्था के विकास को और ज्यादा गति मिलेगी जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होगा। केंद्र सरकार की मंशा है कि इस विधेयक के सहारे सामन्य बीमा कंपनियों का निजीकरण किया जाए। अगर ऐसा होता है तो आम जनता के लिए यह बहुत ही घातक साबित होगा। कहा कि विधेयक में प्रस्तावित दो संशोधन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हैं। साधारण बीमा राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1972 की धारा 10बी यह निर्धारित करती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में सरकार की कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
अब सरकार को बहुमत हिस्सेदारी बेचने में सक्षम बनाने के लिए इस खंड को छोड़ दिया गया है। ये एकमुश्त निजीकरण का रास्ता है। दूसरा संशोधन एक नई धारा 24बी सम्मिलित करना है। इसमें कहा गया है कि जीआईबीएनए अधिनियम उस किसी भी कंपनी पर लागू नहीं होगा, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम है।
