Moradabad: पीएम आवास योजना के सर्वे में 45,406 में 1,000 आवेदन में सामने आईं अनियमितताएं

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिले में चल रहे सर्वे में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक जिले में 45,406 लोगों का सर्वे पूरा किया जा चुका है। लेकिन आवेदनों की क्रास चेकिंग में 1000 लाभार्थियों के आवेदन में गलत फोटो और डेटा फीड पाया गया। इन आवेदनों में गलत जानकारी, भ्रामक डेटा और फर्जी फोटो फीड कर लाभ लेने का प्रयास किया गया।

सोमवार को जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक निर्मल कुमार द्विवेदी ने बताया कि सर्वे की दोहरी व्यवस्था के तहत पहले लाभार्थियों द्वारा स्वयं मोबाइल पर आवास प्लस एप के माध्यम से आवेदन किया गया। जिसके बाद सर्वे की पुष्टि के लिए चेकरों को लगाया गया। इस दौरान चेकरों द्वारा किए गए सर्वे और लाभार्थियों के स्वयं किए गए सर्वे में भारी विरोधाभास सामने आया है। कई मामलों में मकान की स्थिति, पारिवारिक विवरण और आय से जुड़ी जानकारी वास्तविकता से अलग पाई गई। 

सर्वे में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पहले चरण में सर्वे कार्य से लेखपालों को हटाया और उनकी जगह रोजगार सेवक,ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, जेई आरईएस तथा कृषि विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया। इसके बावजूद इनके द्वारा किए गए सर्वे में भी गलत और अपात्र लाभार्थियों के आवेदन सामने आए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सर्वे प्रक्रिया में अभी भी पारदर्शिता और निगरानी की कमी बनी हुई है। जांच में सामने आया है कि कुछ आवेदकों ने पक्के मकान की जगह कच्चे मकानों की फोटो बदलकर अपलोड की, जोकि कई ने पुराने या दूसरे स्थानों की तस्वीरें लगाईं। 

कुछ मामलों में एक ही मकान की फोटो को अलग-अलग नामों से कई बार अपलोड किया गया। वहीं कई आवेदकों ने परिवार के सदस्यों की संख्या और आय संबंधी विवरण भी गलत भरा। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी आवेदनों की ग्राउंड लेवल पर जांच सुनिश्चित की जाए और अपात्र आवेदकों को सूची से बाहर किया जाए। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन आवेदकों द्वारा जानबूझकर फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लेने का प्रयास किया गया है, उनके आवेदन निरस्त किए जाएंगे। 

साथ ही सर्वे में लापरवाही या मिलीभगत पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य वास्तव में जरूरतमंद और बेघर परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। इसलिए किसी भी कीमत पर अपात्र लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलने दिया जाएगा। सर्वे की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी कराई जाएगी। शासन से लक्ष्य निर्धारित होने के बाद एक बार अंतिम सत्यापन भी कराया जाएगा।

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