शाहजहांपुर: बाढ़ में फंसी गर्भवती महिलाओं को दिव्यांग ने पहुंचाया अस्पताल, हुआ सुरक्षित प्रसव

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बाढ़ के चलते चारों तरफ पानी से भरे एक गांव में प्रसव पीड़ा से तड़प रही तीन महिलाओं को दिव्यांग रामनरेश ने ट्रैक्टर ट्राली की मदद से अस्पताल ले जाकर उनका सुरक्षित प्रसव कराया है। प्रशासन ने दिव्यांग रामनरेश और प्रसूताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रता के …

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में बाढ़ के चलते चारों तरफ पानी से भरे एक गांव में प्रसव पीड़ा से तड़प रही तीन महिलाओं को दिव्यांग रामनरेश ने ट्रैक्टर ट्राली की मदद से अस्पताल ले जाकर उनका सुरक्षित प्रसव कराया है। प्रशासन ने दिव्यांग रामनरेश और प्रसूताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रता के आधार पर दिलाने की घोषणा की है।

बताया जा रहा है कि शाहजहांपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मिर्जापुर थाना क्षेत्र के कुनिया गांव के किनारे पर रामगंगा नदी बहती है। इस बार आई बाढ़ से कई घर नदी में समा गए और गांव के चारों तरफ पानी भर जाने के कारण आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। इसके अनुसार इसी गांव में रहने वाले रामनरेश (38) पेशे से ड्राइवर है जिसका एक हाथ दुर्घटना में कंधे से कट गया है। गांव में रहने वाले विनोद तथा हेमचंद्र की पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई परंतु गांव के चारों तरफ पानी भरा होने के कारण मिर्जापुर अस्पताल तक प्रसूताओं को ले जाना संभव नहीं था। रामनरेश ने बताया कि जब उन्हें यह जानकारी लगी तो उन्होंने हिम्मत की और दोनों महिलाओं को ट्रैक्टर ट्राली में चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले गये।

इस दौरान ट्राली में पानी भी भर गया लेकिन मिर्जापुर के सरकारी अस्पताल में सकुशल पहुंचाकर उनका प्रसव कराया। उन्होंने बताया कि इसके अगले दिन उन्हीं के गांव के पास आटा गांव में रहने वाले अरविंद की पत्नी का प्रसव के दौरान गांव में हालत बिगड़ गयी और उन्हें भी इसी तरह ट्रैक्टर ट्राली पर लादकर वह मिर्जापुर ले गए जहां उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया है। गांव के तमाम रोगियों को भी अस्पताल तक वह ट्रैक्टर ट्राली पर ले जाकर दवा दिलाते रहे। उप जिलाधिकारी सौरभ भट्ट ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है और दिव्यांग का कार्य सराहनीय है। भट्ट ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और जो भी सरकारी योजना है और ये लोग जिनके पात्र हैं, जांच के बाद प्रसूताओं तथा दिव्यांग को दिलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित सभी गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जा रही है। स्वास्थ्य केंद्र मिर्जापुर के प्रभारी डॉ आदेश रस्तोगी ने बताया कि आटा गांव के अरविंद की पत्नी 25 अक्टूबर को रात में आई थी उनका प्रसव किया गया उन्हें बेटा हुआ है । इसी तरह कुनिया गांव में रहने वाले विनोद की 28 वर्षीय पत्नी तथा हेमचंद्र की 28 वर्षीय पत्नी 24 अक्टूबर को अस्पताल में आई थी जिनका सफलतापूर्वक प्रसव कराया गया है । विनोद की पत्नी ने बेटा तथा दूसरी प्रसूता ने बेटी को जन्‍म दिया और मां-बच्चे सभी स्वस्थ हैं।

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