बरेली: शिक्षकों के मंच पर चले गांव में दारू पार्टी के किस्से

बरेली: शिक्षकों के मंच पर चले गांव में दारू पार्टी के किस्से

बरेली, अमृत विचार। अर्बन-कोऑपरेटिव बैंक सभागार में रविवार को शिक्षक प्रकोष्ठ भाजपा की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मेलन के मंच पर दारू पार्टी, पंचायत चुनाव के बाद भाजपा के हालात, उत्तराखंड की राजधानी बनने के भी किस्से चले। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए तीन दिन पूर्व बहेड़ी क्षेत्र के …

बरेली, अमृत विचार। अर्बन-कोऑपरेटिव बैंक सभागार में रविवार को शिक्षक प्रकोष्ठ भाजपा की ओर से आयोजित शिक्षक सम्मेलन के मंच पर दारू पार्टी, पंचायत चुनाव के बाद भाजपा के हालात, उत्तराखंड की राजधानी बनने के भी किस्से चले। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए तीन दिन पूर्व बहेड़ी क्षेत्र के एक गांव का भ्रमण करने का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह वहां पहुंचे तो ग्रामीण कई तरह की शराब रखकर सेवन कर रहे थे।

कुछ विकास न होने की बात कहते हुए खरी-खरी भी सुना रहे थे। वह पहुंचे तो ग्राम प्रधान उनका हाथ पकड़कर नालियां दिखाने ले गए। जबकि ग्राम पंचायतों में विकास के लिए राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये दिए हैं। इसके बावजूद न्याय पंचायतों ने विकास नहीं किया है, लेकिन अब गांव की सरकार के गठन के बाद गांवों में भी विकास कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। बात आगे बढ़ाते हुए छत्रपाल ने कहा कि हर क्षेत्र की तस्वीर अच्छे जनप्रतिनिधियों के चुनकर आने से ही बदलती है।

शिक्षक गांव-गांव से जुड़े हैं। उनके अच्छे विचारों को सैकड़ों लोग अपनाते भी हैं। ऐसे में पढ़े लिखे और विकास की सोच रखने वाले जनप्रतिनिधियों के चुनने में शिक्षकों की अहम भूमिका रहती है। करीब आधे घंटे के अपने भाषण में छत्रपाल गंगवार ने अप्रत्यक्ष रूप से कई बार शिक्षकों से सहयोग करने की ओर इशारा किया।

पंचायत चुनाव के बाद हालात बेहद खराब
छत्रपाल गंगवार ने शिक्षकों के मंच से कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद हालात बेहद खराब हैं। शिक्षक प्रकोष्ठ भाजपा की ओर से इस सम्मेलन को कराने के पीछे शिक्षकों के जरिए मोदी-योगी की सोच को जन-जन तक पहुंचाना है। बोले, शिक्षक ही राष्ट्र निर्माता हैं। शिक्षकों से विधानसभा चुनाव में सहयोग भी मांगा।

बरेली में छिड़ा ‘उत्तराखंड की राजधानी कहां बने’ का मामला
छत्रपाल गंगवार ने शिक्षकों को उत्तराखंड की राजधानी बनाने को लेकर छिड़े रहे मामले का किस्सा भी सुनाया। बोले-राजधानी देहरादून या नैनीताल में बनेगी, इस मुद्दे पर बहस करते हुए पूर्व में कांग्रेस सरकार ने पांच साल गुजार दिए थे। पूर्व सरकार में मंत्री आपस में ही उलझते रहे लेकिन यह तय नहीं कर सके कि राजधानी कहां बनाएं। अब उत्तराखंड में विकास पटरी पर आया है। बेहतर सोच रखने वाले जनप्रतिनिधियों चुनने से ही उत्तराखंड में विकास की गंगा बह रही है।

शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाल करने का मुद्दा उठाया
आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत रविवार को शिक्षक प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी ने अर्बन को-आपरेटिव बैंक दीनदयाल पुरम में रविवार को शिक्षक सम्मलेन आयोजित किया। जिसमें शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाल करने और बायोमैट्रिक उपस्थिति शुरू कराने पर जोर दिया। हालांकि कुछ शिक्षक बायोमैट्रिक उपस्थिति शुरू कराने के विरोध में भी नजर आए।

शिक्षकों ने कहा कि महंगाई के दौर में जिस तरह से चीजें बदल रही हैं, उसी तरह शिक्षकों की सुविधाएं भी मिलनी चाहिए लेकिन शिक्षकों को अपनी मांगों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस पर राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार ने शिक्षकों की मांगों को बेसिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्रियों के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया। आयोजकों ने कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार, मुख्य अतिथि राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार, महापौर डॉ उमेश गौतम, विशिष्ट अतिथि शहर विधायक डा. अरुण कुमार, प्रदेश सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल और मुकेश गुप्ता को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

सम्मेलन कराने के पीछे भाजपा द्वारा शिक्षकों के हित में किये जा रहे कार्यों को प्रस्तुत करने और अधिक से अधिक शिक्षकों को भाजपा की विचारधारा से जोड़ने का उद्देश्य था। शिक्षक प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक डॉ कैलाश पाठक ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया। अतिथियों ने स्वर्गीय लज्जा राम तोमर के चित्र का अनावरण कर उनके बारे में शिक्षकों को रूबरू कराया। शिक्षक प्रकोष्ठ ब्रज प्रांत के सह संयोजक डॉ महेश पांडेय ने शिक्षकों को पार्टी की विचारधारा से जुड़ने को प्रेरित किया।

संचालन स्मृति भंडारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष डॉक्टर केएम अरोड़ा, मनीष अग्रवाल, डॉ कैलाश चंद पाठक, डॉ लाल बहादुर गंगवार, भाजपा मीडिया प्रभारी बंटी ठाकुर, डॉ मनीष, पंकज तिवारी, रवि शर्मा आदि शिक्षक मौजूद रहे।