Helicopter Crash: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पंचतत्व में विलीन, पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ दी गयी अंतिम विदाई

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भोपाल। वायुसेना के शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को आज यहां बैरागढ़ स्थित विश्रामघाट में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदायी दी गयी और वे पंचतत्व में विलीन हो गए। परिजनों, सेना के अधिकारियों जवानों, जनप्रतिनिधियों और हजारों लोगों की मौजूदगी में ग्रुप कैप्टन को उनके लगभग दस वर्षीय पुत्र रिधिमन ने मुखाग्नि दी। …

भोपाल। वायुसेना के शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को आज यहां बैरागढ़ स्थित विश्रामघाट में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदायी दी गयी और वे पंचतत्व में विलीन हो गए। परिजनों, सेना के अधिकारियों जवानों, जनप्रतिनिधियों और हजारों लोगों की मौजूदगी में ग्रुप कैप्टन को उनके लगभग दस वर्षीय पुत्र रिधिमन ने मुखाग्नि दी।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई एवं नौसेना के अधिकारी तनुज सिंह ने भी भतीजे रिधिमन के साथ अपने भाई को मुखाग्नि दी। इस अवसर पर ग्रुप कैप्टन के पिता सेवानिवृत कर्नल के पी सिंह, मां उमा सिंह, पत्नी गीतांजलि और अन्य परिजन भी मौजूद थे। ग्रुप कैप्टन की एक बेटी आराध्या भी है, जो पुत्र रिधिमन से छोटी है। इसके पहले यहां सेना के अस्पताल से उनकी पार्थिव देह को एक ट्रक में सजाकर रखा गया और उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ हुयी, जो बैरागढ़ विश्रामघाट पहुंचने पर संपन्न हुयी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अंतिम विदायी देने लिए श्मशानघाट पर मौजूद रहे। उन्होंने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया। सेना के अधिकारियों कर्मचारियों ने भी पुष्पचक्र अर्पित करने के साथ ही अपने जांबाज अधिकारी को सलामी दी। शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का निधन बुधवार को बंगलूर मेें हो गया था और उनकी पार्थिव देह गुरुवार को यहां लायी गयी थी। उनके माता पिता भोपाल में ही निवास करते हैं।

पार्थिव देह के कल और आज परिजनों, परिचितों के अलावा आम लोगों ने भी दर्शन किए और उन्हें नम आंखों से विदायी दी। तमिलनाडु में 08 दिसंबर को देश के पहले रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी शामिल थे, जो उस दिन दुर्घटना का शिकार हो गया था। हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोगों का निधन उसी समय हो गया था और ग्रुप कैप्टन को गंभीर हालत में बंगलूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने एक सप्ताह से अधिक समय तक मौत से संघर्ष किया।

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