छत्तीसगढ़: ग्रामीणों ने हाथी के बच्चे को बचाया, वन विभाग के कर्मचारियों को सौंपा
पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में तपकरा वन परिक्षेत्र में समडमा गांव के समीप ईब नदी पार करते हुए 14 हाथियों के दल से बीछड़ने वाले हाथी के बच्चे को आज ग्रामीणों ने सकुशल बचा कर वन विभाग के कर्मचारियों को सौंप दिया। ग्रामीणों की इस पहल के बाद वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने …
पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में तपकरा वन परिक्षेत्र में समडमा गांव के समीप ईब नदी पार करते हुए 14 हाथियों के दल से बीछड़ने वाले हाथी के बच्चे को आज ग्रामीणों ने सकुशल बचा कर वन विभाग के कर्मचारियों को सौंप दिया।
ग्रामीणों की इस पहल के बाद वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने हाथी के बच्चे को हाथियों के दल से मिलाने के प्रयास तेज कर दिऐ हैं। वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि तपकरा वन परिक्षेत्र में एक पखवाड़े से हाथियों द्वारा लगातार रिहायशी इलाकों में पहुंच कर किसानों की धान और मक्का फसल के साथ उनके घरों को भी नुकसान पहुंचाने के बावजूद ग्रामीणों ने वन्य प्राणियों के प्रति उदारता का परिचय दिया है।
उन्होंने बताया कि बीती रात लवाकेरा क्षेत्र का समडमा गांव में ईब नदी मे तेज बहाव के बावजूद 14 हाथियों का दल समीप के जंगल में जा पहुंचा था, लेकिन हाथी का बच्चा नदी के दूसरे पार ही रह गया। नदी का तेज बहाव के कारण वह दल से दूर हो गया था। नदी के दूसरी ओर पहुंचने के प्रयास में यह जब पानी में बहने लगा तो उसको ग्रामीणों ने बाहर निकाल कर वन कर्मियों को सूचना दी। जिससे वन विभाग की टीम ने हाथी के बच्चे को उसके दल से मिलवाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
समडमा गांव में हाथी मित्रदल के सदस्य महेश राम का कहना था कि हाथियों द्वारा इस क्षेत्र में हमारी फसल और घरों को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वन विभाग उन्हें मुआवजा राशि देकर भरपाई कर दे रहा है। ऐसे में हाथी के बच्चे को बचाने से हाथी भी हम लोगों के प्रति अपना आक्रामक रुख नहीं करेंगे। सं नाग
ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के हक में आया फैसला तो भड़कीं महबूबा, कहा- कोर्ट BJP के नरेटिव को आगे बढ़ा रही
