छत्तीसगढ़ : ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, मुख्यमंत्री योगी ने जताया दुख

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Published By Deepak Mishra
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रायपुर/लखनऊ। छत्तीसगढ़ के गौरव और हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का मंगलवार को निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। उन्होंने रायपुर स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है।

बताया गया है कि श्वसन संबंधी परेशानी के चलते उन्हें दो दिसंबर को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान उनकी स्थिति गंभीर बनी रही और वे वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद आज उनका निधन हो गया।

योगी आदित्यनाथ ने जताया गहरा शोक

विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया मंच ''एक्स'' पर शोक संदेश जारी करते हुए कहा कि ज्ञानपीठ सम्मान से अलंकृत, प्रख्यात साहित्यकार का निधन अत्यंत पीड़ादायक है और यह साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम से दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान देने तथा शोकाकुल परिजनों एवं उनके असंख्य पाठकों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की। उन्होंने कहा कि श्री शुक्ल अपनी सादगीपूर्ण भाषा, मानवीय संवेदनाओं और विशिष्ट लेखन शैली के लिए साहित्य जगत में विशेष पहचान रखते थे। उनके जाने से हिंदी साहित्य ने एक युगद्रष्टा रचनाकार को खो दिया है।

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