वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, भारत माता के प्रति आस्था और संकल्प का उद्घोष है : केशव मौर्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में वंदे मातरम् राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वर्ष 1875 में अक्षय नवमी के दिन बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित वंदे मातरम् आज भी भारत की शाश्वत चेतना का प्रतीक है। वर्ष 2025 में इस ऐतिहासिक राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होना देश के लिए गर्व का विषय है।
मंगलवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति आस्था, समर्पण और संकल्प का उद्घोष है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आध्यात्मिक शक्ति बना और विदेशी शासन के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा का स्रोत रहा। यह गीत गहरी देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया और हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को सुदृढ़ किया गया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती तथा भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही किसानों के मसीहा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर नमन किया।
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य हमारे सामने है और सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 पारित किया गया है, जिससे भविष्य में लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् आनंदमठ की आत्मा है और आज़ादी के आंदोलन का महामंत्र रहा है। अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण, प्रयागराज कुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी, स्वच्छ भारत अभियान-ये सभी वंदे मातरम् की भावना के जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने वंदे मातरम् पर आधारित काव्य पंक्तियाँ भी पढ़ीं और कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् गाना गर्व की बात है।
सुभाष चंद्र बोस के "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा" जैसे उद्घोष को वंदे मातरम् से मिली प्रेरणा बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे सफल लोकतंत्र है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
मौर्य ने कहा कि वंदे मातरम् के टुकड़े नहीं होते, तो देश के भी टुकड़े नहीं होते। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए की समाप्ति राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गाए गए वंदे मातरम् का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कर देता है।
उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति में तथागत भगवान बुद्ध, नटराज रूप में भगवान शिव, रानी लक्ष्मीबाई और महात्मा गांधी के चित्र भारतीय चेतना के प्रतीक हैं। वर्ष 2047 तक देश और प्रदेश को विकसित बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि गांवों और शहरों का चतुर्दिक विकास हो रहा है, यही वंदे मातरम् है।
