#CheetahIsBack: PM Modi ने नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा, कांग्रेस ने लिया क्रेडिट

ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन (शनिवार) पर नामीबिया से आए 8 चीतों में से 3 को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में बने क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ दिया। बता दें कि नामीबिया से 8 चीतों को विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान की मदद से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना …

ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन (शनिवार) पर नामीबिया से आए 8 चीतों में से 3 को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में बने क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ दिया। बता दें कि नामीबिया से 8 चीतों को विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान की मदद से मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर लाया गया। भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद चीतों को देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान शनिवार सुबह यहां हवाई अड्डे पर उतरा।

पीएम मोदी ने कहा कि दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं और मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहाँ की सरकार का भी धन्यवाद करता हूँ जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं। कूनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का grassland ecosystem फिर से restore होगा, biodiversity और बढ़ेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं। हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं। आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि Economy और Ecology कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहाँ एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है। इसी तरह, आज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। इसके पीछे दशकों की मेहनत, research-based policies और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है। Tigers की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है। असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है। आज देश में 75 wetlands को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं। देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा, और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा।

कांग्रेस का लिया क्रेडिट
नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाए जाने पर कांग्रेस ने ट्वीट कर दावा किया कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ का प्रस्ताव 2008-2009 में तैयार हुआ था। कांग्रेस ने लिखा, (तत्कालीन प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे स्वीकृति दी…2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई…2020 में रोक हटी। चीतों को कूनो नैशनल पार्क (मध्य प्रदेश) ले जाया गया है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चीता समाप्त हो गया था। चीता को पुनर्स्थापन करने का ऐतिहासकि काम हो रहा है। ये इस सदी की वन्य जीवन की सबसे बड़ी घटना है। इससे मध्य प्रदेश और विशेष तौर पर उस अंचल में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ेगा।

मालवाहक बोइंग विमान में शुक्रवार रात को नामीबिया से उड़ान भरी थी और लगभग 10 घंटे की लगातार यात्रा के दौरान चीतों को लकड़ी के बने विशेष पिंजरों में यहां लाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि विमान सुबह आठ बजे से कुछ देर पहले ग्वालियर एयरबेस पर उतरा। चीतों को आज ही वायु सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा 165 किलोमीटर दूर कूनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के अवसर पर सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर इनमें से तीन चीतों को इनके लिए बनाए गए विशेष बाड़ों में छोडेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा के दौरान चीते बिना भोजन के रहे और उन्हें बाड़े में छोड़े जाने के बाद खाने के लिए कुछ दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उद्यान में एक मंच स्थापित किया गया है जिस पर चीतों के विशेष पिंजरों को रखा जाएगा और मोदी लीवर चलाकर उनमें से तीन चीतों को एक बाड़े में छोड़ देंगे। उसके बाद, कुछ गणमान्य व्यक्ति शेष चीतों को अन्य बाड़ों में छोड़ेंगे। इन चीतों को टेरा एविया की एक विशेष उड़ान में लाया गया है जो यूरोप में चिसीनाउ, मोल्दोवा में स्थित एक एअरलाइन है।

यह चार्टर्ड यात्री और मालवाहक उड़ानें संचालित करती है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। अधिकारियों ने भारी बारिश, खराब मौसम और कुछ सड़कें अवरुद्ध होने के बावजूद कुनो में चीतों को अपने नए बसेरे में छोड़ने के मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां पूरी की। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से दो दिन पहले मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में भारी बारिश हुई है।

ये भी पढ़ें : PM Modi Birthday Special: 70 साल बाद पीएम मोदी के हाथों भारत में होगी चीता युग की वापसी

ताजा समाचार

नाबालिग से जिस्म फरोशी कराने में दिल्ली के कोठा संचालक दंपति गिरफ्तार, 50 हजार में किया था सौदा
बरेली:ससुराल में विवाहिता की मौत, महिला समेत दो बच्चों की हत्या का लगाया आरोप
Love Couple Suicide In Banda: प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर की आत्महत्या...प्रेमिका की शादी होने से परेशान थे दोनों
IAS बनने के बाद पहली बार गांव पहुंची बेटी का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत, जाह्नवी दुबे के पिता ने बोले- बेटिया ने पूरा किया सपना
लखीमपुर-खीरी: मां ने शराब पीने से किया मना, बेटे ने पीट-पीटकर किया अधमरा
अयोध्या: गाजे - बाजे के साथ निकला भाजपा प्रत्याशी का नामांकन जुलूस, बड़ी संख्या में साधु संत और भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद