खेरसॉन की सफलता के बाद, यूक्रेन ने रूस को देश से बाहर निकालने का लिया संकल्प

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

माइकोलेव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने खेरसॉन से रूसी सेना के पीछे हटने के बाद उसे अपने देश से पूरी तरह से बाहर की प्रतिबद्धता जताई है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस शहर पर करीब आठ महीने से रूसी सेना का कब्जा था। रूस ने इस बड़े शहर में अपनी मजबूत पकड़ छोड़ दी। रूस ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तो खेरसॉन सबसे पहले उसके कब्जे में आने वाले स्थानों में एक था। खेरसॉन के निवासियों ने इस घटनाक्रम पर खुशी जताते हुए यूक्रेनी सैनिकों को गले लगा लिया।

 राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार रात अपने वीडियो संबोधन में कहा, ‘‘हम रूसी-अधिकृत क्षेत्र को मुक्त कराने वाले यूक्रेनी सैनिकों के ऐसे कई और सम्मान होते हुए देखेंगे।’’ उन्होंने अभी रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के कई शहरों और गांवों के लोगों से वादा किया, ‘‘हम किसी को नहीं भूलते; और हम हर क्षेत्र को मुक्त करायेंगे।’’ यूक्रेन द्वारा खेरसॉन को फिर से अपने कब्जे में लेना रूसी सैनिकों के लिए एक बड़ा झटका है। यूक्रेन की सेना ने रविवार को खेरसॉन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। 

अधिकारियों ने विस्फोटक उपकरणों को हटाने और शहर में बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं को बहाल करने पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। यूक्रेन के एक अधिकारी ने खेरसॉन की स्थिति को ‘‘एक मानवीय आपदा’’ के रूप में वर्णित किया। बताया जा रहा है कि शहर के शेष निवासियों के पास बिजली, पानी, दवा और भोजन की कमी है। यूक्रेनी पुलिस ने निवासियों से आठ महीने के कब्जे के दौरान रूसी सेना के सहयोगियों की पहचान करने में मदद करने का आह्वान किया है। 

रूसी सैनिकों की वापसी के बाद शनिवार को यूक्रेन के पुलिस अधिकारी शहर में वापस लौट आये। यूक्रेन के राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख, इहोर क्लाइमेंको ने शनिवार को फेसबुक पर कहा कि लगभग 200 अधिकारी शहर में काम कर रहे हैं और चौकियों की स्थापना की जा रही है। इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कंबोडिया में कहा, ‘‘हम जमीन पर लड़ाई जीत रहे हैं, लेकिन जंग जारी है।’’ कुलेबा कंबोडिया में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए गये हुए हैं।

ये भी पढ़ें:- भारत आसियान व्यापारिक संबंध व्यापक रणनीतिक स्तर पर

संबंधित समाचार