Children's Day 2022: बाल दिवस पर बच्चों को सुनाएं ये बाल कविता

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Published By Deepak Mishra
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आज 14 नवंबर है यानि बाल दिवस है। हर साल 14 नवंबर को चिल्ड्रन्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में भी कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। दरसअल इस दिन स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती मनाई जाती है। पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। इसलिए उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आज आप अपने बच्चों को बाल कविताएं सुना सकते हैं। हम आपके लिए लाए हैं कुछ चुनिंदा कविताएं।

बच्चों को सुनाएं ये बाल कविताएं
चांद का कुर्ता 
हठ कर बैठा चांद एक दिन, माता से यह बोला,
सिलवा दो मां मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला।

सनसन चलती हवा रात भर, जाड़े से मरता हूं,
ठिठुर-ठिठुरकर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूं।

आसमान का सफ़र और यह मौसम है जाड़े का,
न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का।

बच्चे की सुन बात कहा माता ने, ‘‘अरे सलोने!
कुशल करें भगवान, लगें मत तुझको जादू-टोने।

जाड़े की तो बात ठीक है, पर मैं तो डरती हूँ,
एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ।

कभी एक अंगुल भर चौड़ा, कभी एक फुट मोटा,
बड़ा किसी दिन हो जाता है, और किसी दिन छोटा।

घटता-बढ़ता रोज़ किसी दिन ऐसा भी करता है,
नहीं किसी की भी आंखों को दिखलाई पड़ता है।

अब तू ही ये बता, नाप तेरा किस रोज़ लिवाएं,
सी दें एक झिंगोला जो हर रोज बदन में आए।
–रामधारी सिंह ‘दिनकर’

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