SC की सभी बेंच रोज 10 वैवाहिक स्थानांतरण मामले, 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, अदालत की पूर्ण बैठक के बाद, हमने फैसला किया है कि शीतकालीन अवकाश से पहले ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए प्रत्येक पीठ प्रतिदिन 10 स्थानांतरण याचिकाएं लेगी, जो पारिवारिक मामले हैं, इसके बाद हर दिन 10 जमानत मामले लिए जाएंगे।
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पूर्ण अदालती बैठक (फुल कोर्ट मीटिंग) में फैसला किया है कि इसकी सभी 13 पीठ लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए वैवाहिक विवादों से संबंधित 10 स्थानांतरण याचिकाओं और इतनी ही जमानत याचिकाओं पर प्रतिदिन सुनवाई करेंगी। कार्यवाही की शुरुआत में पीठ ने कहा कि यह फैसला शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों की बैठक में लिया गया है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, अदालत की पूर्ण बैठक के बाद, हमने फैसला किया है कि शीतकालीन अवकाश से पहले ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए प्रत्येक पीठ प्रतिदिन 10 स्थानांतरण याचिकाएं लेगी, जो पारिवारिक मामले हैं, इसके बाद हर दिन 10 जमानत मामले लिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जमानत के मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं। पीठ ने कहा कि अभी शीर्ष अदालत में वैवाहिक मामलों से संबंधित 3,000 याचिकाएं लंबित हैं जहां पक्षकार मामलों को अपनी पसंद के स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह कर रहे हैं। इसने कहा कि अगर हर पीठ हर दिन 10 स्थानांतरण मामले सुनती है तो 13 पीठ 130 मामले प्रतिदिन और 650 मामले प्रति सप्ताह निपटा सकेंगी।
इस तरह शीतकालीन अवकाश से पहले पांच सप्ताह के अंत में सभी स्थानांतरण याचिकाओं का निपटारा हो जाएगा।" प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इन 20 जमानत और स्थानांतरण याचिकाओं को रोजाना निपटाने के बाद पीठ नियमित मामले लेना शुरू करेंगी।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि उन्होंने पूरक सूची में अंतिम समय में सूचीबद्ध होने वाले मामलों की संख्या में कटौती करने का फैसला किया है ताकि न्यायाधीशों पर बोझ कम हो सके जो देर रात तक मामले की फाइल देखने के लिए मजबूर हैं।
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