गोवा नाइटक्लब अग्निकांड के बाद दिल्ली सरकार बड़ा फैसला : रेस्तरां, होटल और क्लबों की होगी जांच

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। गोवा नाइटक्लब अग्निकांड के बाद आगामी क्रिसमस और नए साल के दौरान संभावित खतरों को लेकर दिल्ली सरकार ने बुधवार को दमकल विभाग को कई रेस्तरां, होटल और क्लब के अग्नि सुरक्षा प्रवधानों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रधान निदेशक ए नेदुनचेझियान द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किया गया है जिसमें डीएफएस के सभी प्रभागीय एवं सहायक प्रभागीय अधिकारियों को रेस्तरां, होटल और क्लब जैसे सार्वजनिक सभा स्थलों में तत्काल और व्यापक अग्नि सुरक्षा संबंधी जांच करने का निर्देश दिया गया है।

पिछले शनिवार (6 दिसंबर) को गोवा के ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी आग में दिल्ली के चार पर्यटकों सहित 25 लोगों की मौत हो गई थी। आदेश में कहा गया, “गोवा में हाल की आग की घटना को ध्यान में रखते हुए आगामी क्रिसमस व नए साल के उत्सव के दौरान संभावित जोखिम को लेकर दिल्ली अग्निशमन सेवा के सभी प्रभागीय एवं सहायक प्रभागीय अधिकारियों को रेस्तरां, होटल और क्लब जैसे सार्वजनिक सभा स्थलों की तत्काल और व्यापक अग्नि सुरक्षा की जांच करने के निर्देश दिए जाते हैं।”

इसमें कहा गया है, "निरीक्षण अधिकारी दिल्ली अग्निशमन सेवा नियम, 2010 के नियम 33 के तहत निर्दिष्ट अग्नि निवारण और अग्निरक्षा उपायों से संबंधित कानूनों के अनुसार भवन की कार्यात्मक स्थिति का सत्यापन करेंगे।" अधिकारियों को आदेश के अनुपालन पर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा गया है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को निर्देश दिया है कि अग्नि सुरक्षा उपकरणों की कमी वाले या इससे संबंधित मानकों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली सचिवालय में अग्निशमन विभाग के साथ हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री गुप्ता ने बड़े आयोजनों, होटल, रेस्तरां और क्लबों में सुरक्षा मानकों की नियमित जांच के महत्व पर जोर दिया ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि अग्नि सुरक्षा केवल विभाग की ही जिम्मेदारी नहीं है बल्कि प्रतिष्ठानों के मालिकों की भी सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे अपने परिसरों में सभी अग्नि सुरक्षा प्रावधानों को सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एमओसी) जारी करने की प्रक्रिया में किसी भी तरह की अस्पष्टता या अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए।

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