उन्नाव: वार्षिकोत्सव में संचालक बने कुमार विश्वास, खूब बटोरी तालियां

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी थी। यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू है, जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है।।

उन्नाव: वार्षिकोत्सव में संचालक बने कुमार विश्वास, खूब बटोरी तालियां

उन्नाव। उन्नाव में साहित्य भारती संस्था द्वारा 28वां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम पूर्व एमएलसी स्वर्गीय अजीत सिंह और साहित्य भारती संस्था  के संस्थापक अतुल मिश्रा की स्मृति में आयोजित हुआ। उन्नाव राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में साहित्य मंच का यह कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिसमें श्रृंगार, हास्य, वीर जैसे रसों में विशेषता रखने वाले तमाम कवियों ने काव्य पाठ किया। वहीं मुख्य रूप से संचालन कर रहे कवि कुमार विश्वास ने लोगो को अपने चुटकुलों से गुदगुदाने को मजबूर कर दिया।

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वहीं कुमार विश्वास की कविताओं पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। साहित्य भारती संस्था द्वारा 28वे वार्षिकोत्सव के अवसर पर एमएलसी अजीत सिंह व साहित्य भारती के संस्थापक स्वर्गीय अतुल मिश्र की स्मृति शेष पर सोमवार को उन्नाव राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में साहित्य का मंच सजाया गया। जहां प्रख्यात कवि कुमार विश्वास के अलावा हेमंत पांडे, गजेंद्र प्रियांशु, डॉ सुमन दुबे, रमेश मुस्कान व डॉक्टर अखिलेश मिश्र पहुंचे। साहित्य का मंच की शुरुआत सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर की गई, जिसके बाद मां सरस्वती की वंदना का कवियों ने प्रस्तुति दी।

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भीड़ देखकर गदगद हुए कुमार
जीआईसी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शाम 7 बजे से ही लोगो की भीड़ जुटने लगी थी। सात बजे से सम्मान समारोह प्रारंभ हुआ जिसमें आयोजक मंडल समेत कई विभूतियों का सम्मान किया गया। करीब 9 बजे सरस्वती माँ के आवाहन के साथ कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ। सभी ने अपने अपने काव्य पाठ किये। वहीं डॉ कुमार विश्वास करीब साढ़े दस बजे मंच पर काव्यपाठ करने पहुँचे लोगो की भीड़ देख के कुमार गदगद हो उठे। बोले उन्नाव जैसी श्रोता कही और नहीं। 11 वर्ष बाद आया हूँ वही प्यार मिला उसके लिए आभारी हूँ।