'कोविड टेस्ट नहीं, हमें आजादी चाहिए', चीन में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

लगभग 1,000 लोगों ने सरकार के विरोधी नारे लगाए

'कोविड टेस्ट नहीं, हमें आजादी चाहिए', चीन में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग

बीजिंग। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन राजधानी बीजिंग तक फैल गए हैं। ये प्रदर्शन अब 13 बड़े शहरों तक पहुंच गए हैं। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए लाठी चार्ज से लेकर लोगों को गिरफ्तार कर रही है, लेकिन लोगों का गुस्सा खत्म नहीं हो रहा है। रविवार की रातभर लोग सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे। इस बीच, चीन में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार को करीब 40,000 नए मामले सामने आए। लगातार पांचवें दिन बीजिंग में कोरोना वायरस के करीब 4,000 मामले सामने आए।

'कोविड टेस्ट नहीं, हमें आजादी चाहिए' 
चीन में सरकार के खिलाफ  सोमवार को बीजिंग में प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा हुजूम 3थर्ड रिंग रोड के पास इकट्ठा हुआ। इस दौरान लगभग 1,000 लोगों ने सरकार के विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने 'हमें मास्क नहीं, हमें आजादी चाहिए... 'हमें कोविड टेस्ट नहीं बल्कि आजादी चाहिए' के नारे लगाए। उन्होंने राष्ट्रपति जिनपिंग का विरोध करते हुए कहा कि हमें राजा नहीं चाहिए।

 

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि सोमवार को संक्रमण के 39,452 नए मामले आए, जिनमें 36,304 स्थानीय मामलों में मरीजों में बीमारी के लक्षण नहीं देखे गए। इस बीच, सप्ताहांत के दौरान पूर्वी महानगर शंघाई में शुरू हुए प्रदर्शन बीजिंग तक फैल गए। शंघाई के उरुमकी में गुरुवार को लॉकडाउन के दौरान एक अपार्टमेंट में आग लग जाने की घटना में मारे गए लोगों की याद में मोमबत्तियां लिए हुए लोगों ने सरकार द्वारा मनमाने लॉकडाउन के खिलाफ और शंघाई में प्रदर्शनों के प्रति एकजुटता जताते हुए नारे लगाए। कई राजनयिकों और विदेशियों ने प्रदर्शन देखा क्योंकि ये प्रदर्शन बीजिंग में राजनयिक आवासीय परिसर के समीप हुए।

चीन

 

शी जिनपिंग से इस्तीफा देने की मांग
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शन कई घंटे तक हुए और पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया। शंघाई में शनिवार और रविवार को प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस्तीफा देने की मांग की। 

विरोध में उतरे यूनिवर्सिटी के छात्र
बीजिंग में प्रतिष्ठित सिंगहुआ विश्वविद्यालय और नानजिंग में कम्यूनिकेशन यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। ऑनलाइन अपलोड की गयी तस्वीरों और वीडियो में छात्र उरुमकी हादसे के पीड़ितों के लिए मार्च करते हुए और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए। सिंगहुआ विश्वविद्यालय ने एक नए नोटिस में छात्रों से कहा कि अगर वे जनवरी की छुट्टियों के मद्देनजर घर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। 

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