
लखनऊ विश्वविद्यालय: प्रोफेसर पूनम टंडन को दोबारा मिला अधिष्ठाता छात्र कल्याण का दायित्व, नैक ग्रेडिंग के लिए की थी कड़ी मेहनत
अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के विजन और मिशन की परिकल्पना के अनुसार सुव्यवस्थित छात्र कल्याण केन्द्रित कार्यक्रम की परिकल्पना को और आगे बढाने व सुदृढ करने के उद्देश्य से प्रोफेसर पूनम टंडन (Professor Poonam Tandon) को पुनः तीन वर्षों के लिए अधिष्ठाता छात्र कल्याण (Dean Student Welfare) बनाया गया है। इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय की ओर से दी गई सहमति के बाद ये घोषणा की गई है।
बता दें कि प्रोफेसर पूनम टंडन ने विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस की ग्रेडिंग के लिए कड़ी मेहनत की थी। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से संचालित योजनायें कर्मयोगी, कर्मोदय, छात्र कल्याण, शोध मेधा, और अर्पण -एडाप्ट एक ब्रेन के माध्यम से छात्र-छात्राओं के हित में कदम उठाया। पिछले तीन सालों के कार्यकाल में प्रोफेसर टंडन के कार्यकाल में ही छात्रों को कुलपति से सीधे अपनी बात रखने का अवसर मिला। यही नहीं छात्रों के साथ काफी पर कुलपति के साथ चर्चा होना प्रदेश के सभी विश्वविलालयों के लिए नजीर बना।

इन योजनाओं में निभाई अहम भूमिका
छात्रवृत्ति वित्तीय सहायता एवं अन्य अवसर प्रदान करती हैं तथा ओपीडी योजना, ट्री योजना, मेधावी छात्र परिषद, हैप्पी थिंकिंग लैब, परामर्श और मार्गदर्शन सेल, कॉफी विद वीसी आदि योजनाऐं छात्रों के भविष्य निर्माण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं । इसके साथ ही परिसर मे सुविधाओं के विकास जैसे हीमोग्लोबिन और स्वास्थ्य जांच शिविर, सभी लड़कियों के छात्रावासों और अन्य महिला शौचालयों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और भस्मक, दोनों परिसरों में समर्पित सफाईकर्मियों के साथ लड़कियों के शौचालय, सभी 17 छात्रावासों में ओपन जिम, इलेक्ट्रिक रिक्शा और दिव्यांगजन कैंटीन इत्यादि छात्रकल्याण केन्द्रित कार्यक्रमों के संचालन मे प्रोफेसर पूनम टंडन का विशेष योगदान रहा है ।
प्रोफेसर पूनम टंडन ने दायित्व मिलने पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय का आभार जताते हुए कहा कि कुलपति का विजन लखनऊ विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय ही नही अपितु अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक पहचान दिलाना है। इस दिशा मे उनकी प्राथमिकता छात्र छात्राओ के लिए एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक मजबूत छात्र कल्याण कार्यक्रम विकसित करने पर रहेगी। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय के दोनो परिसरों में लगभग 20000 से अधिक छात्रों के कल्याण के लिए सभी के साथ मिलकर छात्र हित मे बेहतर माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेगा।
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