लखनऊ : वन मंत्री ने सफेद बाघिन को कराल में अवमुक्त किया

प्रदेश के सबसे पुराने नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान ने मनाया 101वां स्थापना दिवस

लखनऊ : वन मंत्री ने सफेद बाघिन को कराल में अवमुक्त किया

अमृत विचार, लखनऊ। प्रदेश के सबसे पुराने नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान का मंगलवार को 101वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया । इस दिन चेन्नई के एरिग्नार अन्ना जूलॉजिकल पार्क से आई सफेद बाघिन इंद्रा को कराल में छोड़ा गया। यहां 15 दिन रहने के बाद इसे बाड़े में भेजा जाएगा।

वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और राज्यमंत्री केपी मलिक ने उसे कराल में छोड़ा। इसके अलावा वन्य जीवों एवं पक्षियों पर आधारित पॉकेट बुक का विमोचन कर प्राणी उद्यान के विकास में उत्कष्ट योगदान देने वाले छह पूर्व निदेशकों को सम्मानित भी किया गया।

प्राणि उद्यान के निदेशक वीके मिश्र ने बताया कि आज हमारा प्राणि उद्यान 101 साल का हो गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में प्राणि उद्यान की व्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला। सांस्कृतिक कार्यक्रम में एमेकस एकेडमी के बच्चों द्वारा वन्य जीव एवं पर्यावरण पर आधारित एक नाटक, वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।

कार्यक्रम में अपना विचार रखते हुए मुख्य अतिथि डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि प्राणि उद्यान के विकास के लिए जल्द इसे कुकरैल में स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि अगला स्थापना दिवस कुकरैल में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्राणि उद्यान द्वारा दिव्यांगों के लिए बनाई गई स्पर्श गैलरी अपने आप में अनोखी है।

विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री केपी मलिक ने कहा कि आने वाले समय में प्राणि उद्यान नई ऊचाइयां प्राप्त करेगा। हमें सदैव प्रकृति की रक्षा करनी चहिए। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों को मारने से खाद्य श्रृंखला खराब होती है, जिसका प्रभाव सीधे मनुष्य पर पड़ता है।

इस मौके पर अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दूबे, प्राणि उद्यान उपनिदेशक उत्कर्ष शुक्ला, क्षेत्रीय वनाधिकारी आरके नेगी और शिक्षा अधिकारी नीना कुमार के साथ प्राणि उद्यान के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

पूर्व निदेशकों का हुआ सम्मान

प्राणि उद्यान के स्थापना दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना द्वार प्राणि उद्यान के विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पूर्व निदेशकों को सम्मानित भी किया गया, जिनमें महेंद्र सिंह, संजय श्रीवास्तव, बी प्रभाकर, रेनू सिंह, अनुपम गुप्ता और अशोक कुमार शामिल रहे।