Sangai Festival: एकता के विचार को प्रोत्साहित करता है संगाई त्योहार, स्थायी जीवनशैली के लिए प्रेरणा- PM मोदी
इम्फाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में पर्व, उत्सव और मेलों को सदियों पुरानी परंपरा बताया और बुधवार को कहा कि इनके जरिए ना सिर्फ संस्कृति समृद्ध होती है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बहुत ताकत मिलती है।
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वहीं, आयोजित ‘‘संगाई महोत्सव’’ में प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मणिपुर इतने प्राकृतिक सौन्दर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता से भरा राज्य है कि हर कोई यहां एक बार जरूर आना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे अलग-अलग मणियां एक सूत्र में एक सुंदर माला बनाती हैं, मणिपुर भी वैसा ही है। इसीलिए, मणिपुर में हमें मिनी इंडिया के दर्शन होते हैं।’’
Manipur is known for its vibrant culture. Best wishes on the occasion of Sangai Festival. https://t.co/OUwyw8T0hR
— Narendra Modi (@narendramodi) November 30, 2022
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में इस महोत्सव का आयोजन नहीं हो सका था। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देश में पर्वों, उत्सवों और मेलों की सदियों पुरानी परंपरा है और इनके जरिए संस्कृति तो समृद्ध होती ही है, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बहुत ताकत मिलती है।’’ उन्होंने कहा कि संगाई महोत्सव जैसे आयोजन निवेशकों व उद्योगों को भी आकर्षित करते हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि ये महोत्सव भविष्य में भी ऐसे ही उल्लास और राज्य के विकास का एक सशक्त माध्यम बनेगा। मोदी ने कहा कि इस बार का आयोजन पहले से और भी अधिक भव्य स्वरूप में सामने आया है जो मणिपुर के लोगों की भावना और उनके जज्बे को दिखाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज अमृतकाल में देश 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में ‘फेस्टिवल ऑफ वननेस’ की थीम पर संगाई महोत्सव का सफल आयोजन भविष्य के लिए हमें और ऊर्जा व नयी प्रेरणा देगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि संगाई, मणिपुर का राजकीय जानवर तो है साथ ही भारत की आस्था और मान्यताओं में भी इसका विशेष स्थान रहा है और इसलिए यह भारत की जैविक विविधता का जश्न मनाने का एक उत्तम महोत्सव भी है।’’ प्रकृति के साथ भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सम्बन्धों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि टिकाऊ जीवनशैली के लिए जरूरी सामाजिक संवेदना की प्रेरणा भी देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम प्रकृति को जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को भी अपने पर्वों और उल्लासों का हिस्सा बनाते हैं, तो सह-अस्तित्व हमारे जीवन का सहज अंग बन जाता है।’’ यह महोत्सव पहले इंफाल तक ही सीमित रहता था लेकिन इस बार पूरे राज्य में इसका आयोजन किया गया है। इस पहल के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि जब ऐसे आयोजनों को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जोड़ा जाता है, तभी इसकी पूरा क्षमता सामने आ पाती है।
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