जी-20 की भारत की अध्यक्षता इसके इतिहास की 'महत्वपूर्ण घटना', संयुक्त राष्ट्र में रुचिरा कंबोज ने दिया जवाब

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Published By Priya
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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा है कि जी-20 में भारत की अध्यक्षता उसके इतिहास की एक ‘महत्वपूर्ण घटना’ होगी और देश सर्व कल्याण के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक-एक महीने के लिए क्रमवार मिलने वाली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भारत ने गुरुवार को संभाली। भारत ने इसके साथ ही जी-20 की एक वर्ष के लिए अध्यक्षता भी संभाली है। कंबोज ने गुरुवार को कहा कि भारत दोनों अध्यक्ष पद- इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद की और अगले साल के लिए जी-20 की- को एक "नयी जिम्मेदारी" के रूप में देखता है।

 दिसंबर के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष कंबोज ने कहा, ‘‘हम इसके लिए पूरी कोशिश करेंगे कि वैश्विक समुदाय की उम्मीदें पूरी हों।’’ जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने पर कंबोज ने कहा कि एक ऐसे समूह का नेतृत्व करना देश के लिए सम्मान की बात है जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। कंबोज ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, भारत ने जी-20 का अध्यक्ष पद ऐसे समय संभाला है जब दुनिया में संकट और अव्यवस्था है।

 उन्होंने यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महीने के कार्यक्रम की रूपरेखा और इस महीने परिषद की अध्यक्षता करने वाले भारत की प्राथमिकताओं के बारे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुनिया सदी में एक बार सामने आने वाली महामारी के बाद के प्रभावों के साथ ही संघर्ष और आर्थिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। ऐसे समय में, दुनिया जी-20 को बहुत आशा के साथ देखती है।’’ कंबोज ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की अध्यक्षता उसके इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना होगी क्योंकि वह सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है और ऐसा करने में भारतीय लोकाचार में शामिल यह भावना प्रदर्शित करना चाहेगा कि दुनिया एक बड़ा परिवार है।’’

 उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत वर्ष के लिए एजेंडा निर्धारित करेगा, विषयों और ध्यान देने योग्य क्षेत्रों की पहचान करेगा, चर्चाएं आयोजित करेगा और परिणामों का दस्तावेजीकरण करेगा। कंबोज ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता ‘‘महत्वाकांक्षी, निर्णायक और सर्व-समावेशी’’ होगी। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत को कई सफलताएं मिली हैं और देश इनमें से कुछ सफलताओं को दुनिया के सामने लाने और उससे संबंधित अपने अनुभवों को साझा करने की उम्मीद करता है। कंबोज ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन अगले साल सितंबर में नयी दिल्ली में होगा और ‘‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारे देश के कोने-कोने में 100 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी।’’

 चीन में कोविड-19 संबंधी नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शनों और चीन द्वारा अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने के संबंध में पेंटागन की एक रिपोर्ट पर एक सवाल के जवाब में, कंबोज ने कहा कि भारत ‘‘अन्य देशों के आंतरिक और घरेलू मामलों पर टिप्पणी नहीं करता है।’’ उन्होंने कहा कि चाहे महामारी हो या अन्य संकट, भारत के अध्यक्ष के तौर पर उसके कार्यकाल के दौरान चुनौतियां होंगी और वह इन सभी चुनौतियों को अवसरों के तौर पर देखता है। 

लोकतंत्र पर हमें क्या करना है, यह बताने की जरूरत नहीं: रुचिरा कांबोज

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत को यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर उसे क्या करना है। भारत ने दिसंबर महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बृहस्पतिवार को संभाली। भारत इस दौरान आतंकवाद के मुकाबले सहित अन्य विषयों पर कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। इसके साथ ही परिषद में भारत का 2021-2022 का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त होगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि कंबोज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगी। उन्होंने सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष के तौर पर पहले दिन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मासिक कार्यक्रमों के संबंध में पत्रकारों को संबोधित किया। भारत में लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर क्या करना है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत शायद दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है। भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल पहले से थीं, हम हमेशा से लोकतंत्र थे। हाल के दिनों में, हमारे यहां लोकतंत्र के सभी स्तंभ हैं जो बरकरार हैं - विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और चौथा स्तंभ, प्रेस। साथ ही एक बहुत जीवंत सोशल मीडिया भी है। इसलिए भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।’’ कंबोज ने कहा, ‘‘हर पांच साल पर हम दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद करते हैं। हर कोई अपनी इच्छा के अनुसार बोलने के लिए स्वतंत्र है और हमारा देश इसी तरह काम करता है। देश तेजी से सुधार कर रहा है, परिवर्तन कर रहा है। आगे बढ़ने की गति बहुत प्रभावशाली रही है। मुझे यह कहने की जरुरत नहीं है और आपको केवल मेरी बात पर यकीन नहीं करना है। अन्य लोग यह बात कह रहे हैं।’’

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