डॉ. सुनीता घोगरा बनीं राजस्थान साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष, शिक्षिका के तौर पर दे चुकी हैं सेवाएं
उदयपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी में आदिवासी वर्ग के भील समुदाय की डॉ सुनीता घोगरा को उपाध्यक्ष के पद पर चुना गया है। अकादमी अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण की अध्यक्षता में शनिवार को 19वीं सरस्वती सभा की बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आदिवासी वर्ग के भील समुदाय की डॉ सुनीता घोगरा को उपाध्यक्ष के पद पर चुना गया।
अकादमी अध्यक्ष डा सहारण ने बताया कि पहली बार किसी महिला एवं जनजाति समुदाय की महिला को अकादमी का उपाध्यक्ष चुना गया है। अकादमी के इस कदम की साहित्य प्रेमियों ने प्रशंसा की है। लेखिका डॉ घोगरा डूंगरपुर जिले में राजकीय शिक्षिका के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं।
उपाध्यक्ष डॉ घोगरा ने कहा है कि वे अपना अधिकतम योगदान देते हुए अकादमी की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगी। अपनी पुस्तक ‘मताई’ के लिए चर्चित रहीं डॉ घोगरा ने कहा कि उन्हें शुरू से ही साहित्य से गहरा लगाव रहा लेकिन कभी सोचा नहीं था कि अकादमी उपाध्यक्ष के पद पर सेवाएं देने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वे इस पद पर आकर गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। इसी प्रकार से चूरू जिले के कमल कुमार शर्मा को कोषाध्यक्ष पद पर चुना गया। दोनों ही पदाधिकारियों का अकादमी की सरस्वती सभा के सदस्यों ने स्वागत किया और शुभकामनाएं दी।
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