पहलगाम आतंकी हमला : एनआईए ने दाखिल किया 1597 पन्नों का आरोपपत्र, जानें क्या-क्या हुआ खुलासा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

जम्मू,। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मामले में सोमवार को सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जिनमें पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटीटी) और उसके मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के सदस्य और पड़ोसी देश में मौजूद उनका आका भी शामिल हैं।

आरोपपत्र में पाकिस्तान की साजिश, आरोपियों की भूमिका और मामले को साबित करने में सहायक साक्ष्यों का विस्तृत विवरण दिया गया है और इसमें प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा/टीआरएफ को पहलगाम हमले की साजिश रचने, साजो-सामान मुहैया कराने और उसे अंजाम देने में उसकी भूमिका के लिए एक कानूनी इकाई के तौर पर आरोपित किया गया है। पहलगाम हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टू संचालक मारे गए। 

आतंकवाद रोधी एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान में बैठे आका साजिद जट्ट को भी जम्मू स्थित विशेष एनआईए न्यायालय में दाखिल 1,597 पृष्ठों के आरोपपत्र में बतौर आरोपी नामजद किया गया है।’’ एनआईए द्वारा दाखिल आरोप पत्र में उन तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें घातक आतंकी हमले के 99 दिन बाद 29 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम में ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान सेना ने मार गिराया था। 

तीनों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ ​​सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ ​​जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। एनआईए ने अपने आरोपपत्र में आरोपियों के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की धारा भी लगाई है। बयान के मुताबिक, एनआईए ने लगभग आठ महीने तक चली विस्तृत वैज्ञानिक जांच के माध्यम से पता लगाया कि इस पूरी साजिश के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं, जो भारत के खिलाफ आतंकवाद को लगातार प्रायोजित कर रहा है। 

बयान के मुताबिक, आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में एनआईए द्वारा 22 जून को गिरफ्तार परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथर के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया है। बयान के मुताबिक, पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने हमले में संलिप्त तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान उजागर की और यह भी पुष्टि की कि वे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे। 

संबंधित समाचार