प्रमोद तिवारी बोले- मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना आपत्तिजनक

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ़। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने केन्द्र की महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाये जाने को घोर आपत्तिजनक कहा।

उन्होने कहा कि वर्ष 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने देश की सबसे बड़ी रोजगारपरक योजना को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम जोड़ते हुए कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से गांधी जी की स्मृति को नमन किया। उन्होने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार की चेयरपर्सन सोनिया गांधी की पहल पर इस महत्वपूर्ण रोजगार गारण्टी योजना का देश में सुखद संचालन शुरू हुआ।

उन्होने कहा कि भाजपा की सरकार द्वारा योजनाओं, कार्यालयों, भवनों का नाम रोज रोज बदला जा रहा है। उन्होने सवालिया अंदाज में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आखिर महात्मा गांधी के नाम से इतनी चिढ़ क्यों है। उन्होने कहा कि भाजपा गांधी की विचारधारा की जगह गोड़से की विचारधारा को ही सदैव बढ़ावा देती आ रही है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी पूरी दुनिया में एक हैं और पूरी दुनिया आज महात्मा गांधी की विचारधारा को नतमस्तक कर रही है।

उन्होने कहा कि राजनैतिक हताशा और कुण्ठा में मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाये जाने से देशवासी कभी मोदी सरकार को क्षमा नही करेंगे। वहीं उन्होने पहलगाम आतंकवादी हमले के सही दोषियों का अब तक पता न लगा पाने और उन्हें उनके अक्षम्य अपराध की कठोर सजा न दिला पाने को लेकर भी मोदी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।

उन्होने कहा कि केन्द्र शासित कानून व्यवस्था के रहते उस समय निर्दोष भारतीयों को आतंकवादियों के सामने जान की बाजी गंवानी पड़ी। सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय मसलों को हल करने की जगह सिर्फ देश की जनता का ध्यान बरगलाने की कोशिश मे लगी हुई है।

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