SIT करेगी कफ सिरप तस्करी मामले की जांच... बोले डीजीपी- सिरप प्रतिबन्धित नहीं, नशे के लिए किया गया प्रयोग
लखनऊ, अमृत विचार : फेंसेडिल कफ सिरप व कोडीन युक्त सिरप तस्करी गिरोह के नेटवर्क व फर्जी दस्तावेजों पर बने मेडिकल फर्म की जांच एसआईटी करेगी। प्रदेश स्तरीय एसआईटी के गठन की तैयारी की जा रही है। जल्द ही एसआईटी के सदस्यों व प्रभारी की घोषणा कर दी जाएगी। इसका प्रभारी आईजी स्तर का अधिकारी होगा। एसआईटी वर्तमान में चल रही जांचों की नियमित समीक्षा भी करेगी। साथ ही वित्तीय लेनदेन की जांच करेगी। इसमें दोषी पाए गये लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी राजीव कृष्ण व एफएसडीए की आयुक्त रोशन जैकब ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी।
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि एसआईटी सारे तथ्यों को जुटाएगी। हर बिन्दु पर जांच कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। डीजीपी ने कहा कि सिरप को मेडिकल इस्तेमाल की जगह नशे में प्रयोग के लिए तस्करी करने में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश है कि इसमें जीरो टालरेंस नीति अपनाई जाए।
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। भ्रामक खबरें दिखाई जा रही हैं। किसी भी मेडिकल स्टोर के मालिक को सिर्फ इस सिरप की बिक्री को लेकर परेशान नहीं किया जा रहा है। अगर इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर कराने के लिए इस सिरप की तस्करी की जा रही है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसे ही लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
सिरप प्रतिबन्धित नहीं, नशे के लिए किया गया प्रयोग
एफएसडीए की आयुक्त रोशन जैकब ने कहा कि प्रदेश में 279 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। इसके बाद 28 जिलों में 128 एफआईआर की जा चुकी है। ये सारी एफआईआर कोडीन युक्त सिरप का नशे के तौर पर इस्तेमाल कराने के लिए की गई है। इसके अलावा फर्जी फर्म और मेडिकल फर्म का लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी दवा कंपनियों द्वारा इन्हें सप्लाई करने के मामले में भी कार्रवाई की गई है। फेंसेडिल, न्यू फेंसेडिल अथवा अन्य सिरप पर किसी तरह का प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है। छोटे दुकानदारों को परेशान न करने के निर्देश टीम को दिए जा चुके हैं।
अब तक 31 गिरफ्तार, तीन लाख से अधिक का माल बरामद
डीजीपी राजीव कृष्ण के मुताबिक इस मामले में पूरे प्रदेश में कुल 31 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इसमें मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता भी शामिल है। अब तक इस मामले में हेमंत पाल, ब्रजमोहन शिवहरे, रामगोपाल धाकड़, सौरभ त्यागी, शादाब, शिवकान्त उर्फ शिव, सन्तोष भडाना, अम्बुज कुमार, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, दीपू यादव, सुशील यादव, धर्मेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेन्द्र आर्या, विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार, सचिन कुमार, अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा, आलोक प्रताप सिंह, रूपम राय, दिवाकर सिंह, अब्दुल कादिर, रहमान नूरी, नीरज कुमार दीक्षित, अली सरीम मेकरानी, मोहम्मद आफताब, भोला प्रसाद जायसवाल, विशाल जायसवाल, बादल आर्या एवं आजाद सिंह शामिल है। आरोपियों के पास से तीन लाख रुपये का माल बरामद किया गया है।
मास्टरमाइंड शुभम के प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू
फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी कर करोड़ों रुपये डकारने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल दुबई भाग गया है। उसके प्रत्यर्पण की तैयारी पुलिस व एसटीएफ की टीम कर रही है। इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दुबई इस तरह के मामलों में पूरा सहयोग करता है। दुबई में छिपे शुभम के साथ उसके साथियों को भी कार्रवाई की जद में लाया जाएगा। यह जानकारी डीजीपी राजीव कृष्ण ने दी।
डीजीपी के मुताबिक, पिछले साल फरवरी में फेंसेडिल सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में पकड़ी गई थी। इसके बाद जांच हुई तो विभोर राणा और विशाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। इन लोगों ने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया, तब पहली बार वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल का नाम सामने आया। जांच के दौरान ही अमित टाटा, फिर बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की गिरफ्तारी से पूरा खेल ही सामने आ गया।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि शुभम को भारत लाने की प्रक्रिया की जा रही है। कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। नेपाल और बांग्लादेश में सिरप की तस्करी की गई डीजीपी ने साफ किया कि कुछ फर्मों ने फर्जी ई-बिल के जरिए कई प्रदेशों में ही नहीं बल्कि नेपाल और बांग्लादेश तक इस सिरप की तस्करी की। इसके साक्ष्य भी मिल चुके हैं। इस तस्करी में लिप्त हर आरोपी को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। शैली ट्रेडर्स के जरिए सबसे ज्यादा सप्लाई की गई एफएसडीए की आयुक्त रोशन जैकब ने बताया कि शैली ट्रेडर्स ने सबसे ज्यादा इस सिरप की सप्लाई की। उन्होंने कहा कि औषधि निरीक्षकों ने हिमाचल प्रदेश की दो, उत्तराखंड की तीन कोडीनयुक्त कफ सिरप के निर्माता, पानीपत की एक और रांची की एक फर्म के क्रय-विक्रय का ब्योरा जुटाया। इसमें कई फर्मों ने फर्जी दस्तावेज और फर्जी ई-बिल से कोडीन युक्त सिरप की सप्लाई की। इन सभी को कार्रवाई के दायरे में लाया जा रहा है।
