गणतंत्र दिवस परेड: असम की झांकी में लाचित बोड़फूकन, राज्य की सांस्कृतिक धरोहर की झलक 

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ पर देश के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह पर आयोजित परेड में असम की झांकी में अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फूकन, प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर सहित राज्य की अन्य सांस्कृतिक धरोहरों का प्रदर्शन किया गया।

बोड़फुकन पूर्ववर्ती आहोम साम्राज्य के सेनापति थे जिन्होंने 1671 के सरायघाट युद्ध में मुगल सेना के असम पर कब्जा करने के प्रयास को विफल कर दिया था। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष बोड़फुकन की 400वीं जयंती मनायी थी।

गणतंत्र दिवस पर असम की झांकी में बोड़फुकन, शक्ति पीठों में शामिल कामाख्या मंदिर एवं राज्य की अन्य सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया। पिछले वर्ष राजपथ का नामकरण कर्तव्यपथ करने के बाद पहली बार यहां गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया है।

असम की झांकी में शिवसागर जिले के शिव डोल और रंग घर की प्रतिकृति को दर्शाया गया जो आहोम साम्राज्य की शक्ति के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। झांकी के साथ पारंपरिक संगीत वाद्यों से सुसज्जित नर्तकों के दल ने बिहू नृत्य का प्रदर्शन किया।

ये भी पढे़ें : गणतंत्र दिवस : कर्तव्य पथ पर लद्दाख की झांकी में दिखी समृद्ध विरासत की झलक 

संबंधित समाचार