Kanpur: फसलों का प्रबंधन सिखाएंगे जापानी, CSA के फार्म हाउस में बनेगी यूनिट, किसानों के लिए लगाई जाएगी प्रदर्शनी

कानपुर के सीएसए यूनिवर्सिटी के फार्म हाउस में यूनिट बनेगी।

Kanpur: फसलों का प्रबंधन सिखाएंगे जापानी, CSA के फार्म हाउस में बनेगी यूनिट, किसानों के लिए लगाई जाएगी प्रदर्शनी

कानपुर के सीएसए यूनिवर्सिटी के फार्म हाउस में यूनिट बनेगी। जापानी फसलों का प्रबंधन सिखाएंगे। इसमें किसानों के लिए प्रदर्शनी लगाई जाएगी। सौर ऊर्जा और सस्ते उपकरण बनाएंगे।

कानपुर, अमृत विचार। किसानों की दोगुनी आय को लेकर कवायद शुरू हो गई है। उनके लिए सस्ते और टिकाऊ उपकरण बनाने की तैयारी है। फसलों के प्रबंधन, पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्य इंडो जापान प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जाएगा। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के शाक भाजी अनुसंधान संस्थान में यूनिट लगाई जा रही है। सबसे पहले फसलों के प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। मार्च के पहले हफ्ते में जापान के कृषि मंत्रालय की टीम और वहां के विशेषज्ञ आ रहे हैं। उनके रुकने के लिए गेस्ट हाउस और शोध कार्य के लिए निर्माण कार्य कराने की तैयारी है। 

निदेशक शोध डॉ. विजय सिंह यादव ने बताया कि जापान के विशेषज्ञों से खेती के साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन पर तकनीक विकसित की जाएगी। जापान के उपकरण और तकनीक का अपने यहां की स्थिति पर आकलन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले जिलों में ट्रायल लगाए जाएंगे। किसानों की सबसे बड़ी समस्या फसलों के प्रबंधन और पानी की उपलब्धता को लेकर रहती है।

ऐसे में पहले चरण में फसलों के प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। खेतों में बीज बोने से लेकर फसलों की कटाई और उनको बाजार तक पहुंचाने का तरीका विकसित किया जाएगा। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और अन्य मशीनों को तैयार कराया जाएगा। 

नैनो तकनीक पर हो सकता काम

डॉ. यादव के मुताबिक जापान के पास नैनो तकनीक पर आधारित कई कीटनाशक और पोषण तत्व हैं। इनका आकलन किया जाएगा कि यह भारतीय जमीन पर कितने कारगर हैं। इनका फसलों और मित्र कीटों पर क्या असर होता है। मछलियों और पशुओं के पालन में उनकी तकनीक का आकलन किया जाएगा। 

स्टार्टअप को दिया जाएगा बढ़ावा 

विश्वविद्यालय जापान के अलावा स्टार्टअप को बढ़ावा देगा। आईआईटी के साथ पहले ही करार हो चुका है, जबकि कुछ अन्य संस्थानों से बातचीत चल रही है। कृषि क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्टार्टअप का कृषि विज्ञान केंद्रों में ट्रायल कराया जाएगा।