विदेशी मेहमानों को पसंद आया रामपुर के व्यंजनों का स्वाद

रामपुर में स्थित गांधी समाधि के इतिहास से प्रभावित हुए राजदूत, नूर महल में केक काटकर स्वीडन के राजदूत ने मनाया जन्मदिन

 विदेशी मेहमानों को पसंद आया रामपुर के व्यंजनों का स्वाद

रामपुर, अमृत विचार। कई मुल्कों से आए विदेशी मेहमानों को रामपुर के व्यंजनों का स्वाद खूब भाया उन्होंने एक बार फिर रामपुर आने की बात कही। आठ देशों से आए विदेशी मेहमान रामपुर स्थित गांधी समाधि के इतिहास से प्रभावित हुए। स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ ने नूरमहल में केक काटकर अपना जन्म दिन मनाया। 
 
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के निमंत्रण पर भारत में स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ, इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा, ग्रीस के आर्किटेक्ट अंद्रियाज एलेकजेंड्रीज, फ्रांस के इतिहासकार ग्यूलोम हुआर्ट, इजिप्ट के उद्योगपति अहमद यूसेरी, यूएई में आबूधाबी के पुलिस चीफ मोहम्मद अलफजारी, जॉर्डन के कारोबारी सनद आबुदाली और ब्रिटेन के व्यापारी क्रिस्टफर पर्सलव रविवार को रामपुर आए थे। 

रविवार को मेहमानों ने रजा लाइब्रेरी में रखी पांडुलिपियों का अवलोकन किया। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ का जन्मदिन भी नूर महल में मनाया गया। जन्म दिन पर नवेद मियां और बेगम नूरबानो ने उन्हें  बधाई दी। राजदूतों को रामपुर के शाही दस्तरख्वान के व्यंजन बहुत पसंद आए।

 शेफ महफूज कुरैशी ने उनके लिए रामपुर के मशहूर खाने तैयार किए। रामपुर से रवानगी के वक्त पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने उन्हें मशहूर हब्शी हलवा सोहन और पेड़े भेंट किए। नवेद मियां ने राजदूतों को रामपुर में स्थित गांधी समाधि का इतिहास बताया तो वे बहुत प्रभावित हुए, लेकिन बारिश के कारण गांधी समाधि पर जाने की इच्छा अधूरी रही। राजदूतों ने कहा कि वह  फिर रामपुर आएंगे और गांधी समाधि पर जाएंगे।

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