शंभू बादल, विनोद राज विद्रोही को मिलेगा झारखंड साहित्य अकादमी स्मृति का सम्मान
रांची। हिंदी, क्षेत्रीय और जनजातीय साहित्य एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखंड साहित्य अकादमी स्थापना संघर्ष (तदर्थ) समिति ने पहली बार राज्य में झारखंड साहित्य अकादमी स्मृति सम्मान 2022-23 देने की घोषणा की है। इस सम्मान के लिए प्रदेश के 9 साहित्यकारों का नाम शामिल किया गया है।
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चयनित साहित्यकारों को एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इन 9 प्रसिद्ध लेखकों में शंभू बादल और विनोद कुमार राज 'विद्रोही' हजारीबाग के हैं। विनोद कुमार राज मूलतः चतरा जिले के टंडवा प्रखंड के रहने वाले हैं। हिंदी साहित्य की कई पुस्तकें इनकी प्रकाशित हुई है। बोलती रेखाएं इनकी प्रमुख पुस्तकों में एक है।
इसके अलावा कविता संग्रह, गजल संग्रह, कहानी संग्रह की कई पुस्तकें प्रकाशित होने के साथ-साथ इनकी कई रचनाएं भी विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। समिति द्वारा जारी पत्र के अनुसार झारखंड साहित्य अकादमी बिरसा मुंडा शिखर सम्मान (समग्र लेखन के लिए) शंभू बादल एवं विविध विषयों पर लेखन के लिए विनोद कुमार राज 'विद्रोही' को झारखंड साहित्य अकादमी रघुनाथ महतो स्मृति सम्मान देने की घोषणा की गई है।
जबकि अन्य सम्मानित रचनाकारों में जमशेदपुर के नरेश अग्रवाल को काव्य लेखन के लिए बिनोद बिहारी महतो स्मृति सम्मान, रांची के पंकज मित्र को कथा लेखन के लिए राधाकृष्ण स्मृति सम्मान, कथेत्तर साहित्य के लिए रांची के डॉ. मयंक मुरारी को रामदयाल मुंडा स्मृति सम्मान, हिंदी व खड़िया भाषा में लेखन के लिए रांची की वंदना टेटे को सुशीला सामद स्मृति सम्मान, पत्रकारिता के लिए दुमका के अमरेंद्र सुमन को कॉ. महेंद्र प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, खोरठा भाषा के लिए बोकारो के बासु बिहारी को श्रीनिवास पानुरी स्मृति सम्मान तथा सृष्टिधर महतो स्मृति सम्मान के लिए रांची के रतन महतो सत्यार्थी के नाम शामिल है।
समिति के अध्यक्ष साहित्यकार शिरोमणि महतो एवं महासचिव नीरज नीर ने बताया कि उक्त सम्मान आगामी अप्रैल माह में झारखंड की राजधानी रांची में एक कार्यक्रम आयोजित कर दिया जाएगा। सम्मानित साहित्यकारों को पुरस्कार के रुप में स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र और अंग वस्त्र के साथ सम्मान राशि भी प्रदान की जाएगी।
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