PV Sindhu ने कोच Park Tae-sang से तोड़ा नाता, खराब फॉर्म के लिए ठहराया जिम्मेदार
विदेशी कोच ने कहा कि वह सिंधु के सत्र की निराशाजनक शुरुआत के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं।
नई दिल्ली। ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधु अपने कोच पार्क ताए सांग (Park Tae-sang) से अलग हो गई है। दक्षिण कोरिया के कोच ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए भारतीय खिलाड़ी के हाल के निराशाजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि यह भारतीय खिलाड़ी बदलाव चाहती थी। पार्क ताए सांग के रहते हुए सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक और पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। चोट के कारण पांच महीने तक बाहर रहने के बाद सिंधु जब कोर्ट पर लौटी तो उन्हें अपनी फॉर्म हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। वह मलेशिया ओपन और इंडिया ओपन में पहले दौर में बाहर हो गई थी। दुबई में एशिया मिश्रित टीम चैंपियनशिप में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तथा अपने से कम रैंकिंग वाली गाओ फांग जी और मलेशिया के वोंग लिंग चिंग से हार गई थी।
विदेशी कोच ने कहा कि वह सिंधु के सत्र की निराशाजनक शुरुआत के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं। पार्क ताए सांग ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, मैं पीवी सिंधु के साथ अपने संबंधों के बारे में बात करना चाहता हूं जिसके बारे में कई लोगों ने पूछा है। हाल के मैचों में उसने कुछ निराशाजनक कदम उठाए और कोच के रूप में मुझे लगता है कि यह मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, इसलिए वह (सिंधु ) बदलाव चाहती है और उसने कहा कि वह नए कोच की तलाश करेगी। मैंने उसके फैसले का सम्मान करने और उसका पालन करने का फैसला किया है। मुझे खेद है कि मैं अगले ओलंपिक तक उसके साथ नहीं रह सकता लेकिन इसके बावजूद मेरा समर्थन उसके साथ रहेगा।
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पार्क को इससे पहले भारतीय बैडमिंटन संघ ने पुरुष एकल खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए नियुक्त किया था लेकिन वह 2019 के अंत से सिंधू के कोच के रूप में काम करने लग गए थे। पार्क के कोच रहते हुए सिंधु ने ओलंपिक कांस्य पदक और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक के अलावा 2022 में बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर के तीन खिताब- सैयद मोदी इंटरनेशनल, स्विस ओपन और सिंगापुर ओपन जीते। पार्क का अनुबंध 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक तक था।
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उन्होंने कहा, मैं उसके साथ बिताए गए प्रत्येक पल को याद करूंगा। मैं उन सभी का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया और मेरा उत्साह बढ़ाया। यह कोरियाई सिंधू का तीसरा कोच था। उन्होंने भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद की देखरेख में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद एक अन्य कोरियाई कोरियाई किम जी ह्यून के कोच रहते हुए उन्होंने 2019 में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता था। उनमें हालांकि बाद में मतभेद पैदा हो गए थे।
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