निकाय चुनाव परिणाम के बाद केरल में भड़की हिंसा : कांग्रेस दफ्तर पर हमला, इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी पहुंचाया नुकसान, जानें पूरा मामला

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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कोझिकोड। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के बाद विशेष रूप से उत्तरी जिलों समेत विभिन्न स्थानों पर शनिवार रात हिंसा भड़क गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। कोझिकोड जिले के एरमला में कांग्रेस कार्यालय इंदिरा गांधी भवन पर कथित तौर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं के हमले के बाद पूरी रात तनाव बना रहा। 

एडाचेरी थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, करीब 200 लोग खतरनाक हथियार लेकर मार्च करते हुए कांग्रेस कार्यालय की ओर पहुंचे और इमारत में तोड़फोड़ की। इस हमले में लगभग पांच लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। पुलिस ने बताया कि हमले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया। 

एक अधिकारी ने बताया कि घटना के तुरंत बाद संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के बाद हालात पर काबू पा लिया गया। पुलिस ने बताया कि मराड में भी एक हिंसक घटना सामने आई, जहां यूडीएफ की जीत के जुलूस पर कथित तौर पर पथराव किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। 

वायनाड जिले के सुल्तान बाथरी में पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है, जहां एक यूडीएफ कार्यकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को ले जा रही कार पर कथित तौर पर माकपा के लगभग 40 कार्यकर्ताओं ने हमला किया। सुल्तान बाथरी पुलिस ने एक अलग घटना में यूडीएफ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। 

यूडीएफ कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने अपने घर के पास पटाखा फोड़ने का विरोध करने वाले माकपा के एक कार्यकर्ता पर हमला किया। कन्नूर जिले के पनूर में माकपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर मुस्लिम लीग के कई कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया। घरों के बाहर खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। 

पनूर पुलिस के अनुसार, हिंसा उस समय भड़क उठी जब माकपा कार्यकर्ताओं ने तलवार और खंजर लेकर यूडीएफ की जीत रैली को कथित तौर पर रोक दिया। इस झड़प में यूडीएफ के कुछ नेताओं को चोट आईं। उलिक्कल थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कन्नूर जिले के उलिक्कल में भी यूडीएफ और एलडीएफ कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आईं। 

हालांकि बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया। कासरगोड जिले के बेडाकम में एलडीएफ का विजय मार्च उस समय हिंसक हो गया, जब माकपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर वहां से गुजर रहे यूडीएफ कार्यकर्ताओं को रोक लिया। बीच-बचाव करने आए कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं। 

तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिंकारा से भी माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की खबरें आईं। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कहा कि औपचारिक शिकायतें मिलने के बाद मामले दर्ज किए जाएंगे। 

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