Toshakhana Case : मिलेगी राहत या जाएंगे जेल? अदालत में पेश होने के लिए इस्लामाबाद रवाना हुए इमरान खान

Toshakhana Case : मिलेगी राहत या जाएंगे जेल? अदालत में पेश होने के लिए इस्लामाबाद रवाना हुए इमरान खान

इस्लामाबाद (पाकिस्तान)। इस्लामाबाद की एक स्थानीय अदालत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले में शनिवार को सुनवाई बहाल करेगी। इससे पहले हुई सुनवाइयों में पेश नहीं होने पर कानून प्रवर्तन कर्मियों की खान को गिरफ्तार करने की कोशिशें अभी तक नाकाम रही हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70 वर्षीय प्रमुख खान निर्वाचन आयोग द्वारा दायर शिकायत से जुड़ी कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) जफर इकबाल की अदालत में पेश होंगे।

 पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने संपत्ति संबंधी घोषणाओं में अपने उपहारों के विवरण को कथित रूप से छिपाने के लिए खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। ‘डॉन’ समाचार पत्र ने बताया कि खान अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ लाहौर स्थित अपने आवास से इस्लामाबाद के लिए निकले। इस्लामाबाद के जी-11 में न्यायिक परिसर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जहां इमरान खान के दोपहर तक पहुंचने की संभावना है। इस्लामाबाद प्रशासन ने शुक्रवार रात को राजधानी में धारा-144 लागू कर दी थी, जिसके तहत निजी कंपनियों, सुरक्षा गार्ड या अन्य व्यक्तियों के लिए हथियार रखना प्रतिबंधित है। 

खान पर पिछले साल नवंबर में जानलेवा हमला हुआ था। अदालत ने पिछले बृहस्पतिवार को सुनवाई में इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने की मांग की गई थी। बहरहाल, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खान के खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को स्थगित करते हुए शुक्रवार को उन्हें एक अवसर दिया था, ताकि वह तोशाखाना मामले की सुनवाई कर रही जिला अदालत में शनिवार को पेश हो सकें। 

खान उपहार खरीदने को लेकर विवादों में रहे हैं, जिसमें एक महंगी कलाई घड़ी भी शामिल है, जिसे उन्होंने तोशाखाना से रियायती कीमत पर खरीदा और फिर बेचकर लाभ कमाया। वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत किया जाता है। बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था।

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