जिला और महिला अस्पताल : पदों को बचाने के लिए फार्मेसिस्ट फेडरेशन आंदोलन में करेगा भागीदार

11 अप्रैल को सभी जनपदों में धरना देंगे फार्मेसिस्ट 

जिला और महिला अस्पताल : पदों को बचाने के लिए फार्मेसिस्ट फेडरेशन आंदोलन में करेगा भागीदार

लखनऊ, अमृत विचार। जिला और महिला अस्पतालों के पदों को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन  में फार्मेसिस्ट फेडरेशन भी हिस्सा लेगा। अभी तक कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की तरफ से आंदोलन की घोषणा की गई थी। इस बात का निर्णय गुरुवार को गूगल मीट पर हुई प्रादेशिक बैठक में फार्मेसिस्ट फेडरेशन की तरफ से लिया गया है।

दरअसल, जिलों में परिवर्तित मेडिकल कॉलेजों में समाप्त हो रहे पदों को बचाने, संविदा के लिए नीति बनाने, निजीकरण समाप्त करने के लिए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा द्वारा घोषित आंदोलन में भागीदारी करने का फार्मेसिस्ट फेडरेशन की तरफ से निर्णय लिया गया है, वहीं विभिन्न संघों के पदाधिकारियों द्वारा फार्मेसिस्ट संवर्ग की एकजुटता पर बल दिया गया । 

फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, संयोजक के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, ने कहा कि प्रदेश के फार्मेसिस्ट वेतन विसंगति की समस्या लगातार उठा रहे हैं, लेकिन मुख्य सचिव समिति द्वारा अभी तक फार्मेसिस्ट की वेतन विसंगति पर कोई चर्चा नहीं की ।

फेडरेशन ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, पदों के मानक निर्धारण, पुनर्गठन सहित विभिन्न सामूहिक एवं संवर्गीय मांगो के समर्थन में मोर्चे द्वारा 11 अप्रैल को प्रत्येक जनपद में धरने का आयोजन किया है, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद इसमें भागीदारी कर रहा है, फेडरेशन, मोर्चे और परिषद का एक संबद्ध परिसंघ है इसलिए सभी फार्मेसिस्ट संघ इसमें फेडरेशन ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली, पदों के मानक निर्धारण, पुनर्गठन सहित विभिन्न सामूहिक एवं संवर्गीय मांगो के समर्थन में मोर्चे द्वारा 11 अप्रैल को प्रत्येक जनपद में धरने का आयोजन किया है, फेडरेशन, मोर्चे का एक संबद्ध परिसंघ है, इसलिए सभी फार्मेसिस्ट संघ इसमें भागीदारी करेंगे । जिसमे एलोपैथ के साथ वेटरनरी, आयुर्वेद यूनानी, होम्योपैथ, श्रम, समाज कल्याण, सभी  संस्थानों , आयुर्विज्ञान संस्थान के फार्मेसिस्ट शामिल हैं । 

बैठक में मुख्य रूप से  लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान सहित प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयो एवं महिला चिकित्सालयो को एक साथ मिलाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज बनाये जाते समय वहां पर पूर्व से कार्यरत सभी कर्मचारियों को धीरे-धीरे कार्यमुक्त कर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को भेजने का मुद्दा उठाया गया । पदाधिकारियों ने कहा कि इससे अनेक जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं जो आगे और विकराल रूप ले सकती हैं, विभिन्न संवर्गों के अनेक पद समाप्त हो जा रहे हैं, वहीं उच्च संवर्गीय पदोन्नति के पद भी समाप्त हो रहे हैं, जिससे पदोन्नतिया बाधित होंगी ।

कार्यमुक्त होने के पश्चात कार्मिक महीनों तक समायोजन की राह देख रहा है, मध्य सत्र में कार्मिकों को अन्य जनपद में समायोजित किया जा रहा है, जिससे उनके परिवार को भी अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।  कार्यमुक्त कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा बीच में रुक जा रही है, भविष्य में रिक्त पदों की भी समस्या हो सकती है, फार्मासिस्ट संवर्ग में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद जिला चिकित्सालयों में ही सृजित है, वहीं चीफ फार्मेसिस्ट के ज्यादातर पदों को जिला और महिला चिकित्सालयों में स्थापित किया गया है, इन परिस्थितियों में यह सभी पद समाप्त हो जाएंगे, जिससे कार्मिक नीचे के पदों से ही सेवानिवृत्त होने लगेंगे । पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि मेडिकल कॉलेज बनते समय जिला चिकित्सालय एवं महिला चिकित्सालय को संबद्ध चिकित्सालय का दर्जा दिया जाए एवं कार्मिकों को पूर्ववत बने रहने दिया जाए अथवा कार्मिकों को कार्यमुक्त करते समय उन्हें पद सहित चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में भेजा जाए ।

बैठक में वेटनरी फार्मेसिस्ट एसो के अध्यक्ष किरण सिंह, होम्योपैथ फार्मेसिस्ट सेवा संघ के महामंत्री शिव प्रसाद, आयुर्वेद एवं यूनानी फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश पांडेय, ई एस आई फार्मेसिस्ट संघ के अध्यक्ष उदयराज सिंह, समाज कल्याण फार्मेसिस्ट एसो के अध्यक्ष ए आर कौशल, होमगार्ड फार्मेसिस्ट एसो, केजीएमयू के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, लोहिया संस्थान के अध्यक्ष अशोक , सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान के अध्यक्ष राजीव यादव, एसजीपीजी आई फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश कुमार, यूथ फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश, संविदा के अध्यक्ष प्रवीण यादव, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, वाराणसी के अध्यक्ष जे एस उपाध्याय, सालिक राम गुप्ता, अखलाक, अजीत यादव, दिल्ली सरकार के जनेश्वर , जितेंद्र कुमार,  साइंटिफिक विंग आदि के पदाधिकारी उपस्थित थे । सभी संवर्गों की प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई, जल्द ही सभी को समाहित कर कार्मिक विभाग को पत्र भेजा जायेगा। रिटायर विंग के साथियों ने भी अपने अनुभव बांटे।

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