इंदौर के मंदिर हादसे में मृतकों संख्या बढ़कर 36 हुई, घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे CM पहुंचे शिवराज  

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Published By Himanshu Bhakuni
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इंदौर (मध्य प्रदेश)। इंदौर के स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में रामनवमी पर गुरुवार को आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 36 पर पहुंच गई है। प्रशासन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इंदौर के जिलाधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी. ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया, थलसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से चलाया जा रहा हमारा खोज अभियान पूरा होने वाला है और अब तक 35 शवों को बावड़ी से निकाला गया है। 

इलैयाराजा ने बताया कि प्रशासन को लापता लोगों की जो सूची उनके परिजन से मिली थी, उनमें से सभी लोगों के शव बावड़ी के बाहर निकाले जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बावड़ी में गाद बेहद ज्यादा है और गाद हटाकर लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है। 

इलैया राजा टी (कलेक्टर, इंदौर) ने बताया कि 16 लोग घायल हैं जिनका इलाज जारी है। 35 लोगों के मृत्यु की पुष्टि हुई है। एक व्यक्ति अभी भी लापता है। आर्मी के लगभग 75 लोग आए हैं। NDRF और SDRF की टीमें तैनात हैं। कुआं बहुत पुराना और गहरा था जिस कारण बचाव कार्य में समय लग रहा है। लगातार पानी आ रहा था जिसे हम निकाल रहे हैं।  

इंदौर बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे में घायल पीड़ित ललित कुमार सेठिया ने बताया कि हम हवन कर रहे थे, बहुत भीड़ थी। अंतिम आहुति चल रही थी जब कुआं धंस गया। बावड़ी का पता ही नहीं था। बहुत से लोग गिरे, जिसमें बच्चे और महिलाएं ज्यादा थीं। बावड़ी में सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

इंदौर बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर हादसे के बाद राहत एवं बचाव अभियान में मदद करने वाला एक स्थानीय निवासी ने बताया कि बावड़ी में लगभग 40-50 लोग गिर गए थे। हमने घरेलू रस्सियों, साड़ियों आदि के माध्यम से लोगों को बाहर निकाला। आपदा प्रबंधन की टीमें भी मौजूद थीं। 

इंदौर (मध्य प्रदेश) के पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर ने शुक्रवार को बताया कि रामनवमी पर बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी की छत धंसने की घटना में लापता आखिरी शख्स का शव बरामद हो गया है। इसके साथ ही हादसे में मरने वालों की संख्या 36 हो गई। बकौल पुलिस कमिश्नर, अब भी हम बचाव कार्य चला रहे हैं।



शिवराज घायलों का हालचाल जानने पहुंचे अस्पताल 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में हुए हादसे में घायल एक दर्जन से अधिक लोगों को हालचाल जानने यहां अस्पताल पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान विशेष विमान से भोपाल से यहां पहुंचने के बाद एपल हॉस्पिटल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उनके साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उन्होंने चिकित्सकों से भी घायलों की स्थिति जानी। वे मरीजों से भी मिले और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

उन्होंने कहा कि घायलों का बेहतर तरीके से इलाज किया जाएगा। चौहान ने घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी ली। वे कुछ ही देर में घटनास्थल भी जा सकते हैं, जहां राहत एवं बचाव कार्य अब भी जारी है। इस हादसे में अब तक 35 श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। एक दर्जन से अधिक घायल हैं, जिनका यहां अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके अलावा बावड़ी में कुछ और लोगों के फसे होने की आशंका है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपुर्ण घटना है। लगातार बचाव कार्य जारी है। एक व्यक्ति लापता है, उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर लिया है, इसमें जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में जितने बावड़ी और ऐसे कुएं, बोरवेल हैं उनकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। 

मकरंद देओस्कर (पुलिस आयुक्त, इंदौर) ने बताया कि बचाव कार्य जारी है। 35 शव बरामद किए गए हैं, एक व्यक्ति लापता है, तलाश जारी है। आर्मी, NDRF और SDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। मलबे के कारण बचाव कार्य में परेशानियों का सामना करना पड़ा। मकरंद देओस्कर ने बताया कि हादसे में जो एक व्यक्ति लापता था उसका शव बरामद कर लिया गया है। लोगों से जो सूची हमें मिली थी उन्हें बाहर निकाल लिया गया है लेकिन अभी भी हम बचाव कार्य चला रहे हैं जिससे कहीं कोई फंसा न रह जाए।

इससे पहले, इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) पवन कुमार शर्मा ने बताया कि हादसे में घायल 16 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दो अन्य व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। चश्मदीदों ने बताया कि बृहस्पतिवार रात साढ़े 11 बजे के बाद बावड़ी से शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजे जाने का सिलसिला तेज हुआ। थलसेना और एनडीआरएफ के संयुक्त दल को एक क्रेन और ट्रॉली की मदद से बावड़ी में नीचे उतारा गया जिसने शवों को बाहर निकाला। 

अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में शुरुआत में बाधा आई और मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी। मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था। 

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