April 2023 Vrat Tyohar List : जानिए अप्रैल महीने के व्रत-त्योहार, सभी धर्मों के लिए खास होगा ये महीना

April 2023 Vrat Tyohar List : जानिए अप्रैल महीने के व्रत-त्योहार, सभी धर्मों के लिए खास होगा ये महीना

April 2023 Festival List : अप्रैल के महीने की शुरुआत इस बार एकादशी तिथि से हो रही है और इस दिन कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। उसके बाद इस महीने में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के प्रमुख त्‍योहार पड़ रहे हैं। इसी महीने में ईद, अक्षय तृतीया, हनुमान जयंती, गुड फ्राइडे, बैसाखी और महावीर जयंती भी मनाई जाएगी। 

कामदा एकादशी 1 अप्रैल
चैत्र मास के शुक्‍ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहते हैं और धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने वाले पर भगवान विष्‍णु की विशेष कृपा होती है। इस व्रत को करने से समस्‍त पापों का नाश हो जाता है। विष्‍णु पुराण के अनुसार इस व्रत को करने से हजारों वर्ष की तपस्‍या के बराबर फल प्राप्‍त होता है। इस बार कामदा एकादशी 1 अप्रैल को है।

अनंद त्रयोदशी सोम प्रदोष 3 अप्रैल
प्रत्‍येक मास की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है और यह भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता हे। शिव पुरणा में बताया गया है कि प्रदोष व्रत यदि सोमवार को पड़े तो इसका महत्‍व और भी बढ़ जाता है। इस बार अप्रैल में पहला प्रदोष व्रत 3 अप्रैल को है और इस दिन सोमवार का शुभ संयोग बन रहा है। प्रदोष के दिन भोलेबाबा और माता पार्वती की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही अप्रैल के महीने में दूसरा प्रदोष व्रत भी सोमवार को है जो कि 17 अप्रैल को है।

महावीर जयंती 4 अप्रैल
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तेरस को जैन धर्म के तीर्थंकर महावीरजी की जयंती मनाने की परंपरा है। मान्‍यता के अनुसार इसी तिथि को इनका जन्‍म हुआ था। इस साल यह तिथि 4 अप्रैल को मनाई जाएगी। महावीर स्‍वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। संपन्‍न परिवार में राजा के घर जन्‍म लेने के बावजूद उन्‍होंने सभी ऐशोआराम त्‍यागकर महज 30 वर्ष की आयु में घर द्वार छोड़ दिया। वह समस्‍त मोह-माया को छोड़कर ज्ञान की खोज में निकल पड़े। 12 साल की कठिन तपस्‍या के बाद उन्‍हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। उनकी जयंती हर साल धूमधाम से मनाई जाती है।

हनुमान जयंती 6 अप्रैल
हनुमान जयंती हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल संकटमोचन प्रभु हनुमानजी की जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। चैत्र मास की पूर्णिमा को लेकर मान्‍यता है कि इस दिन मां अंजनी की कोख से हनुमानजी का जन्‍म हुआ था। इस दिन देश भर में जगह-जगह भंडारे का आयोजन होता है।

गुड फ्राइडे 7 अप्रैल
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। यह ईसाई धर्म के लोगों का प्रमुख त्‍योहार है। कैलवरी में ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु की तिथ‍ि के रूप में मनाया है। इस बार गुड फ्राइडे 7 अप्रैल को है। जो ईस्टर संडे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है। 7 अप्रैल को गुड फ्राइडे के बाद 9 अप्रैल को ईस्‍टर मनाया जाएगा। ऐसी मान्‍यता है कि ईस्‍टर के दिन ईसा मसीह का फिर से जन्‍म हुआ था।

बैशाखी पर्व 14 अप्रैल
वैशाखी पंजाबी और सिख समुदाय के लोगों का त्‍योहार है। इसे प्रमुख रूप से नई फसल का पर्व मानते हैं। यह मुख्‍य रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। यहां सर्दियों की फसल कटने के बाद नए साल के आगमन के रूप में इसे मनाते हैं। इस दिन यहां के शहरों में मेले का आयोजन होता है। इस दिन हर कोई भांगड़े के रंग में डूबा नजर आता है। जगह-जगह रंगारंग कार्यक्रम होते हैं।

वरुथिनी एकादशी 16 अप्रैल
वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी व्रत या वरुथिनी कहा जाता है। इस द‍िन पूरी श्रद्धा और सच्‍चे मन से भगवान व‍िष्‍णु की पूजा की जाती है। एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं इसलिए इस द‍िन श्रीहर‍ि की और माता लक्ष्‍मी की संयुक्‍त उपासना करें।

मासिक शिवरात्रि 18 अप्रैल
हर माह की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत श्रद्धालु लोग रखते हैं। अप्रैल में मासिक शिवरात्रि व्रत 18 अप्रैल मंगलवार को है। मासिक शिवरात्रि का व्रत सुख-शांति के लिए और हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए रखा जाता है। शिवपुराण के अनुसार मासिक शिवरात्रि का व्रत करना सबसे उत्तम होता है। इस व्रत के करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत जीवन पर्यंत करें या फिर 14 साल बाद उद्यापन कर दें।

अक्षय तृतीया 22 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि कहते हैं। इस त्‍योहार को हिंदू धर्म एक अबूझ मुहूर्त के तौर पर भी देखा जाता है। इस दिन सोने चांदी की खरीद करना और दान पुण्‍य करना बहुत शुभ होता है। मान्‍तया है कि इस दिन आप जो भी खरीदते या फिर दान करते उसमें अक्षय वृद्धि होती है। इस तिथि को युगादि भी कहा जाता है। भगवान विष्‍णु के अवतार परशुराम जी का जन्म अक्षय तृतीया पर ही माना गया है। अक्षय तृतीया इस बार 22 मई को है। अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण खरीदने से आपके घर में संपन्‍नता आती है।

ईल उल फितर 22 अप्रैल
ईद-उल-फित्र मुस्लिमों का एक पवित्र त्योहार है जो रमजान महीने के बाद मनाया जाता है। ईद-उल-फित्र के साथ रमजान का महीना भी खत्म हो जाता है। यह शवाल के महीने में एकमात्र ऐसा दिन होता है जिस दिन उपवास नहीं रखा जाता। रमजान के पूरे महीने मुस्लिम उपवास रखते हैं। ईद चांद को देखने के बाद मनाई जाती है। इस बार ईद संभवत: 22 अप्रैल को है।

गंगा जयंती 26 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की सप्‍तमी को गंगा सप्‍तमी और गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि को ही देवी गंगा का प्राकट्य हुआ था। भगवान विष्णु के चरण धोकर ब्रह्माजी ने जल को अपने कमंडल में रख लिया था। इसी जल से गंगा उत्पन्न हुई थीं। इसलिए देवी गंगा को पतित पावनी कहा जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्‍नान करने और दान पुण्य करने का बहुत महत्‍व माना गया है। गंगा जयंती 26 अप्रैल को है।

जानकी जयंती 29 अप्रैल
वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की नवमी को राजा जनक के यहां सीताजी का प्राकट्य हुआ था। इस साल यह तिथि 29 अप्रैल को पड़ रही है। महाराज जनक को पुष्य नक्षत्र में भूमि से एक बालिका की प्राप्ति हुई थी। हल की नोंक को भी सीता कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम जनक ने सीता रखा। इस दिन व्रत करने का विशेष महत्‍व है। मान्यता है कि इस व्रत के रखने से मां सीता जैसी पवित्रता और पतिव्रता होने का वरदान और प्रेरणा मिलती है।

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