कर्नाटक चुनाव: मंत्री आर अशोक और पूर्व उपमुख्यमंत्री सावदी सहित कई उम्मीदवारों ने किये नामांकन दाखिल 

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Published By Om Parkash chaubey
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बेंगलुरु। कर्नाटक में कनकपुरा सीट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे राज्य सरकार के मंत्री आर. अशोक, हाल में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी और जनता दल(सेक्युलर) में वापस आये वाई एस वी दत्ता उन प्रमुख नेताओं में हैं, जिन्होंने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किये।

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विधानसभा चुनाव के लिये पर्चा दाखिल दाखिल करने के लिए केवल दो दिन ही बचे हुए हैं। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों ने रोड शो कर और मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के बाद अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद थे, जो पार्टी के झंडे लहरा रहे थे और नारे लगा रहे थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वोक्कालिगा समुदाय के एक प्रमुख नेता अशोक को पार्टी ने शिवकुमार के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है, जो अपने गृह क्षेत्र कनकपुरा में समुदाय में अच्छा-खासा प्रभाव रखते हैं। विपक्षी दल के नेताओं को उनके गढ़ में कड़ी टक्कर देने की अपनी रणनीति के तहत सत्तारूढ़ दल ने यह कदम उठाया है।

अशोक ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पार्टी के कर्नाटक प्रभारी अरूण सिंह और रामनगर जिले के प्रभारी मंत्री सी एन अश्वथ नारायण की मौजूदगी में कनकपुरा सीट से नामांकन दाखिल किया। निर्वाचन अधिकारी के पास नामांकन दाखिल करने से पहले वे मंदिर गये और एक विशाल रोड शो किया। अशोक ने कहा, ‘‘अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) को उनकी चुनावी रणनीति के लिए चाणक्य के रूप में जाना जाता है।

उन्होंने मुझे चुनाव लड़ने कनकपुरा भेजा है। पहले यहां 50 लोग भी भाजपा के लिए नहीं आया करते थे, लेकिन आज आप देख सकते हैं कि यहां हजारों लोग पहुंचे हैं। इसका मतलब है कि एक मजबूत लहर है, जिसके जरिये मैं यहां जीत हासिल करने की कोशिश करूंगा और कनकपुरा में (नरेंद्र) मोदी का शासन लाउंगा।’’

अशोक यहां पद्मनाभनगर सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका वह अभी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को इस सीट से नामांकन दाखिल किया था। अठानी से टिकट नहीं मिलने पर हाल में भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए लक्ष्मण सावदी ने एक विशाल रोड शो करने के बाद इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया।

भारी मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल करने का विश्वास जताते हुए सावदी ने कहा कि कांग्रेस बेलगावी जिले में 18 सीट में 14 पर जीत हासिल कर सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के करीबी विश्वस्त माने जाने वाले वाईएसवी दत्ता जद(एस) छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे, लेकिन वहां टिकट नहीं मिलने पर हाल में पार्टी में लौट आये।

उन्होंने कदूर सीट से नामांकन दाखिल किया। देवेगौड़ा, उनके बेटे एवं पूर्व मंत्री एच डी रेवन्ना, और पोता एवं हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना भी उस वक्त दत्ता के साथ थे, जब उन्होंने जद (एस) उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई उस वक्त अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहकर्मी गोविंद करजोल और मुरुगेश निरानी के साथ थे, जब उन्होंने क्रमश: मुढोल और बिलगी सीट से अपना-अपना नामांकन दाखिल किया।

दोनों उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल करने से पहले रोड शो किये। गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने तीर्थहल्ली सीट से नामांकन दाखिल किया, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस के किम्माने रत्नाकर ने भी अपना पर्चा भरा। पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली ने भाजपा के टिकट पर गोकक से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

उन्होंने 2019 में कांग्रेस और जद(एस) के 17 विधायकों के दल-बदल में अहम भूमिका निभाई थी, जिसने गठबंधन सरकार गिराने और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त किया था।

मंगलवार को नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों में मौजूदा विधायक-भाजपा के सुरेश कुमार (राजाजीनगर), डॉ भरत शेट्टी वाई (मंगलुरु उत्तर), मंत्री बी.बसवराज (के आर पुरम), कांग्रेस के लक्ष्मी हेब्बलकर(बेलगावी ग्रामीण), के. सदाक्षरी (तिप्तुर), एम कृष्णप्पा (विजयनगर), बी जेड जमीर अहमद खान (चामराजपेट), और विधानसभा में जद(एस) के उपनेता बी काशेमपुर (बीदर दक्षिण) तथा ए मंजूनाथ (मगदी) शामिल हैं। पूर्व मंत्री एवं विधायक अरविंद लिम्बावली की पत्नी मंजुला अरविंद लिम्बावली ने भी अपना नामांकन दाखिल किया, जिन्हें बीती रात महादेवपुरा सीट से भाजपा का टिकट मिला था।

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