जहन में किसने जहर डाला...ना जमीं मिली, ना फलक मिला, The Kerala Story का सबसे भयावह दृश्य कौनसा था?

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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नई दिल्ली। फिल्म 'The Kerala Story' केरल में युवा हिंदू लड़कियों के कथित धर्मांतरण और इस्लाम की कट्टरता के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में दावा किया गया है कि यह केरल की तीन युवा लड़कियों की सच्ची कहानियों पर आधारित है। तो अब सवाल है कि द केरल स्टोरी का सबसे भयावह दृश्य कौनसा था? गोलियों की बरसात..धमाके, गला काटना, हाथ काटना, औरतों को जंजीरों में बांधकर बेच देना....यह सब चल रहा था।आखिर इस्लामिक स्टेट में इससे अलग होना भी क्या था? मध्यकाल में भारत ने तो इससे भयंकर क्रूरताएं झेली हैं।

लेकिन तब दिल दहला गया था...जब मजहबी 'दोस्त' के बहकावे में कन्वर्ट हो चुकी लड़की प्रॉपर्टी हासिल करने के लिए हॉस्पिटल में मरणासन्न पड़े अपने पिता से मिलने जाती है और उनके चेहरे पर थूक देती है! वह पिता जो शान से कॉमरेड हुआ करता था..लेकिन बेटी के कन्वर्ट होने पर जिसे हार्ट अटैक आ गया। क्यों? क्योंकि सच को सब जानते हैं और अपने फायदे के लिए दूसरे के बच्चों को मौत के मुंह में झोंक देते हैं, लेकिन अपने बच्चे के साथ मजहब क्या करेगा यह उस पिता को भी पता था जिसके घर में मार्क्स, लेनिन, स्टॅलिन के बड़े-बड़े पोस्टर चिपके थे।

देश भर में प्यार के नाम पर चल रहे आतंकवाद का घिनौना सच यह कि जो 'प्रेमी' कल तक लड़की के सैंडिल हाथ में उठाकर चल रहा था वही आतंकवाद में शामिल न होने पर उसी लड़की के न्यूड्स दुनियाभर में वायरल कर देता है। उसके पूरे परिवार को बर्बाद कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर देता है।  'द केरला स्टोरी' ऐसा सिनेमा है जो इतिहास बनाने जा रहा है। इसमें इतनी क्षमता है कि यह केवल कुछ हजार या लाख लड़कियों को ही नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों को आतंकवाद से बचाकर उनका जीवन संवार सकता है। 

लोगों का कहना है कि फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन , प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह, लेखक सूर्यपाल सिंह शाबाशी के हकदार हैं। उन्होंने इस आतंकवाद की मैथडोलॉजी बताई है। हम कहां चूक रहे हैं इसे भी समझाया है। फिल्म को चारों लड़कियां अपने कंधों पर अच्छे से लेकर चली हैं। अदा शर्मा की हिम्मत और एक्टिंग, दोनों अप्रतिम हैं। एक्टिंग का मतलब आड़े-टेढ़े मुँह बनाना ही नहीं होता। यह फिल्म नहीं, जीवन रक्षक वैक्सीन है।

सुनिधि चौहान (Sunidhi Chauhan का पूरे मन से गाया टाइटल ट्रैक इसकी पूरी कहानी को सिरे से बयां कर रहा है...

जहन में किसने जहर डाला?
ना ज़मीं मिली, ना फ़लक मिला, 
है सफ़र में अंधा परिंदा
जिस राह की मंज़िल नहीं, 
वहीं खो गया होके गुमराह

ज़िंदान को उड़ान समझ बैठा,
एक बार भी मुड़ के ना देखा
हरे पेड़ों की शाख़ें छोड़ आया
मासूम को किसने बहकाया?

हरियाली वो राहों में आती रहीं
राहें तक़रीरें रोज़ सुनाती रहीं
ना दुआ मिली, ना मिला ख़ुदा
हुआ क़ैद पागल परिंदा

इन राज्यों में फिल्म पर लगा बैन
पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में द केरल स्टोरी पर बैन लग चुका है। राज्य सरकारों ने कथित तौर पर शांति बनाए रखने के लिए फिल्म पर रोक लगा दी है। वहीं फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन का कहना है कि मूवी में मजहब नहीं, बल्कि चरमपंथी सोच के खिलाफ बातें दिखाई गई हैं। ये तो हुई द केरल स्टोरी की बात, लेकिन कई देश इसी मुद्दे पर फिल्में और डॉक्युमेंट्री बनाकर दिखा भी चुके हैं।

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