PM Kisan Samman Nidhi : खतौनी लॉक तो कैसे दिलाएंगे किसानों को ''सम्मान''
छूटे लाभार्थियों को जोड़ने के लिए ''संतृप्तीकरण अभियान'' में फंसेगा पेंच
प्रशांत सक्सेना/ अमृत विचार, लखनऊ। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से छूटे लाभार्थियों को जोड़ने के लिए 22 मई से 10 जून तक चलने वाले ''संतृप्तीकरण अभियान'' में समस्या आएगी। यह अभियान कृषि, राजस्व, पंचायती राज, बैंक व अन्य विभाग के सहयोग से प्रदेश भर में चलाया जाना है। इस दौरान गांव-गांव शिविर लगाकर भूलेख अंकन यानी लैंड सीडिंग, आधार सीडिंग, बैंक विवरण व ई-केवाईसी समेत अन्य खामी मौके पर दूर की जाएंगी। जिससे की 14वीं किस्त का लाभ दिलाया जा सके। लेकिन, भूलेख अंकन में खतौनी का पेंच फंसेगा। क्योंकि, राजस्व विभाग अलग से खतौनी के प्रारूप में बदलाव के लिए रियल टाइम व्यवस्था पर काम कर रहा है। जिसके लिए खतौनी लॉक कर रखी है। जो देखी व निकाली नहीं जा सकती है। इसी कारण संबंधित गांव के लाभार्थी खुद से भूलेख अंकन नहीं करा पा रहे हैं। इस मामले पर नोडल/संयुक्त निदेशक डीके सिंह से संपर्क किया तो फोन नहीं उठा।
13वीं किस्त से घटे लाखों लाभार्थी
सम्मान निधि के लिए नए व पुराने लाभार्थियों को भूलेख अंकन व ई-केवाईसी कराना 13वीं किस्त से अनिवार्य किया गया था। जो न करा पाने के कारण लाखों पात्र लाभार्थी 13वीं किस्त से वंचित रह गए थे। इससे प्रदेश भर में लाभार्थियों की बड़ी तादाद में संख्या घटी है। जिसका विभाग आंकड़ा सामने नहीं ला रहा है। जिन्हें बराबर किस्त मिल रही वहीं लाभार्थियों की संख्या मानी जा रही है। जिलों की बात करें तो 20 प्रतिशत तक लाभार्थियों का भूलेख अंकन नहीं हुआ है और बिना इसके आगे जारी होने वाली 14वीं किस्त नहीं मिलेगी।
रियल टाइम खतौनी से अन्य कार्य भी ठप
दरअसल, अभी खतौनी 13 कालम की होती है। जो 19 कालम की बनाई जा रही है। इसके लिए रियल टाइम खतौनी नाम से प्रक्रिया चल रही है। जिसकी शुरुआत हुई है। पहले चरण में कुछ गांव लिए गए हैं जहां गाटा कम है। इस प्रक्रिया से किसान सम्मान निधि, विरासत, दाखिल-खारिज, खसरा फीडिंग व खतौनी संबंधित किसी भी तरह के आदेश अंकित नहीं हो रहे हैं।
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