हल्द्वानी: मास्टर ड्रेनेज प्लान के लिए 946 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजी

हल्द्वानी: मास्टर ड्रेनेज प्लान के लिए 946 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजी

हल्द्वानी, अमृत विचार। शहर में बरसात के मौके पर सभी नालों के उफान मारने से सड़कों में गंदा पानी बहते रहता है जिससे आम राहगीरों के साथ ही दोपहिया वाहन चलाने वाले लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है। जल्द ही इस समस्या से निपटने के लिए शहर में नया ड्रेनेज सिस्टम बनाया जा रहा है।

वर्तमान में फीडबैक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी शहर में जीआईएस ( जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम )  बेस्ड मास्टर ड्रेनेज प्लान बना रही है। कंपनी ने इसका सर्वे पूरा कर लिया है और 946 करोड़ की डीपीआर शासन को भेज दी है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता लविथ बंसल ने बताया कि इसकी नोडल एजेंसी हरिद्वार सिंचाई कार्यमंडल को बनाया गया है। शहर के साथ ही राज्य में हरिद्वार, देहरादून, रूड़की, भगवानपुर, अल्मोड़ा और ऋषिकेश में मास्टर ड्रेनेज प्लान योजना पर काम होना है।

फीडबैक इंफ्रा कंपनी के डीजीएम शिव कुमार पुजारी ने बताया कि मास्टर ड्रेनेज प्लान की 946 करोड़ रुपए की डीपीआर के अंतर्गत दो स्टेज में काम किया जाएगा जिसमें पहले स्टेज के पहले फेज में 56 करोड़ रुपए से  रकसिया नाला और देवखड़ी नाले पर काम किया जाएगा, वहीं दूसरे फेज में क्रिटिकल फेज लॉगिंग के अंतर्गत शहर की सड़कों के किनारों की नहरों ( रोडसाइड ड्रेन्स ) पर 156 करोड़ रुपए तथा तीसरे फेज में जलभराव वाले क्षेत्रों में 144 करोड़ रुपए से काम होगा। दूसरे स्टेज में स्टॉर्म वॉटर ड्रेन्स पर 590 करोड़ रुपए से काम किया जाएगा।

यूयूएसडीए (उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी ) लगभग 2200 करोड़ से 5 योजनाओं पर काम करने जा रहा है। 5 योजनाओं में सीवरेज, ड्रेनेज सिस्टम, पेयजल लाइन, बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन और सड़क कार्य किए जाएंगे।  इनमें से 3 योजनाओं को पूर्व में शासन से  वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है।

इनके लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे। यूयूएसडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम के लिए 150 करोड़ रुपए, कांप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान ( सीएमपी ) के तहत सड़क कार्यों के लिए  200 करोड़ रुपए और तहसील परिसर के पास बनने वाले बहुउद्देश्यीय भवन के लिए 275 करोड़ रुपए की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर ली गई है जिसे अनुमोदन के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ( एडीबी ) को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह तक अनुमोदन मिल जाएगा जिसके बाद टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।

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