आजमगढ़ : आरओ वाटर की आपूर्ति से हो रहा है भूजल का दोहन

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, आजमगढ़ । जल संचयन को लेकर तरह-तरह के अभियान चलाये जा रहे हैं उसके बाद भी जिले में भूजल का दोहन तेजी से हो रहा है। दिनों-दिन नए आरओ प्लांट बिना पंजीकरण के तेजी से खुल रहे हैं। बड़ी यह है कि सबकुछ देखते हुए भी जिम्मेदार कुछ नहीं कर रहे हैं, उनके द्वारा लोगों को दिए जाने वाले पानी की भी जांच नहीं की जा रही है। पुरे जिले में भूजल के दोहन का आलम यह है कि सात ब्लाक अहरौला, अतरौलिया, कोयलसा, पल्हना, पल्हनी, सठियांव एवं तरवां सेमी क्रिटिकल जोन में चले गए थे।

विगत दो वर्षों में हुई अच्छी बारिश के कारण यह ब्लाक सेमी क्रिटिकल जोन से किसी तरह से वापस तो आ गए लेकिन एक बार फिर तेजी से भूजल का दोहन शुरू हो गया है। जगह-जगह आरओ प्लांट स्थापित हो गए हैं। जिनके द्वारा एक लीटर आरओ पानी तैयार करने में चार लीटर पानी को बर्बाद किया जा रहा है, बर्बाद होने वाले जल का उचित प्रबंध नहीं किया गया है, यह पानी सीधे नालियों में जा रहा है। जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लाखों लीटर पीने योग्य पानी बर्बाद हो रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनका कही पंजीकरण भी नहीं है। जिम्मेदार इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन उनके द्वारा इस पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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