भारत में शत्रु सम्पत्ति की नीलामी शुरू, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दी जानकारी
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि उसने देश में शत्रु सम्पत्ति की नीलामी शुरू कर दी है और ऐसी सम्पत्ति का प्रबंधन एवं निपटान एक सतत प्रक्रिया है। लोकसभा में सजदा अहमद के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने यह जानकारी दी।
सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार ने शत्रु सम्पत्तियों की नीलामी शुरू की है और ऐसी संपत्तियों की नीलामी की क्या प्रक्रिया है। गृह राज्य मंत्री ने कहा, जी, हां। भारत में चल और अचल दोनों प्रकार की शत्रु सम्पत्ति का प्रबंधन एवं निपटान एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया शत्रु सम्पत्ति अधिनियम, 1968 और उसके नियमों तथा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों के तहत संचालित होती है और यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
गृह राज्य मंत्री मिश्रा ने बताया कि इसमें शत्रु सम्पत्ति के निपटान के लिए मार्गदर्शन आदेश 2018, शत्रु शेयर के विक्रय के लिए प्रक्रिया और क्रियाविधि आदेश 2019, अचल शत्रु संपत्ति के निपटान के लिए प्रक्रिया और क्रियाविधि आदेश 2020 और शत्रु सम्पत्ति के निपटान के लिए मार्गदर्शन संशोधन आदेश 2023 शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, देश में कुल 12,611 प्रतिष्ठान हैं जिन्हें शत्रु सम्पत्ति कहा जाता है जिसका अनुमानित मूल्य 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक है।
भारतीयों के लिए शत्रु सम्पत्ति के संरक्षक (सीईपीआई) के तहत कुल 12,611 प्रतिष्ठानों में से 12,485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित हैं जबकि 126 चीनी नागरिकों से जुड़े हैं। सबसे अधिक शत्रु सम्पत्ति उत्तर प्रदेश (6255 सम्पत्ति) में हैं जबकि इसके बाद पश्चिम बंगाल (4088 सम्पत्ति), दिल्ली (659 सम्पत्ति), गोवा (295 सम्पत्ति), महाराष्ट्र (208 सम्पत्ति), तेलंगाना (158 सम्पत्ति) और गुजरात (151 सम्पत्ति) आते हैं।
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