एनसीसी में लड़कियां राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा रहीं बरेली की शान
बरेली, अमृत विचार। एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) का हिस्सा बनकर लड़कियां अपना भविष्य संवारना चाहती हैं। जिले में एनसीसी की 1660 गर्ल्स कैडेट्स हैं जो जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। दिल्ली में सितंबर में हुए ऑल इंडिया टीएससी गर्ल्स कैंप में जिले की 11 लड़कियां यूपी की 40 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनीं और 17 डायरेक्टोरेट को हरा यूपी की टीम विजयी बनी।
बरेली कॉलेज में 2000 एनसीसी कैडेट्स में से 33 प्रतिशत लड़कियां हैं जबकि 1000 लड़कियों की आठवीं बालिका बटालियन अलग है। एनसीसी में हर वर्ष लड़कियों की भागीदारी बढ़ी है। एनसीसी आठवीं यूपी बटालियन के प्रभारी जगदीश चंद्र जोशी ने बताया शहर की ग्यारह बालिकाओं ने प्रदेश की टीम में न सिर्फ जगह बनाई बल्कि टीम को विजयी भी बनाया।
कल्पना, पायल, खुशी, प्रियंका, तनिष्का, श्रेया, संजना, माही, शिखा, मुस्कान और शिवानी बरेली से यूपी की टीम का हिस्सा रहीं। पूरे यूपी से 43 लड़कियां थीं जबकि बरेली से ही 11 इसका हिस्सा बनीं। यह पहली बार नहीं है कि जब बरेली की बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर पर एनसीसी में बरेली का नाम रौशन किया है।
एनसीसी पासआउट कैडेट सारिका परवीन ने बताया उनका चयन राज्य और राष्ट्रीय कैंप में हुआ था। उन्हें आरडीसी कैंप के तहत 2011 में बरेली से दिल्ली में गणतंत्र परेड का हिस्सा बनने का मौका मिला। एनसीसी केवल सेना-पुलिस में जाने का माध्यम नहीं है इसमें अलग-अलग पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को अपना व्यक्तित्व को संवारने का मौका मिलता है। एनसीसी कैडेट सृष्टि शर्मा का कहना है कि हमारे अंदर अनुशासन, दूसरों की मदद करना, सहयोग करना और सेल्फ मोटिवेशन की भावना आती है और आगे चलकर हम सेना-पुलिस का हिस्सा बन सकते हैं।
बरेली कॉलेज के एनसीसी प्रभारी अंचल अहेरी ने बताया एनसीसी एक कोर्स की तरह है जिसमें सेना के जैसी आधी ट्रेनिंग दी जाती है। आने वाले समय में इस कोर्स में कुछ नए बदलाव होंगे। कई लड़कियों का चयन पीएसी में हुआ है। लड़कों को अग्निवीर में फायदा मिल रहा है। सरकारी ही नहीं प्राइवेट सेक्टर में भी काफी फायदा मिलता है। एनसीसी से धीरे-धीरे लड़कियों के लिए भी अवसर बढ़ रहे हैं।
ज्यादातर लड़कियों का सपना सेना में जाने का होता है लेकिन सेना में जो वैकेंसी महिलाओं की निकलती हैं, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उदाहरण के तौर पर सीडीएस की एनसीसी स्पेशल एंट्री में लड़कियों की केवल पांच ही वैकेंसी है।
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