काबिले तारीफ: वाराणसी में 13 वर्षीय छात्र ने यूट्यूब पर देखकर बनाई मां की भव्य प्रतिमा
वाराणसी। इस समय सोशल मीडिया का समय चल रहा है बच्चे भी सोशल मीडिया देखकर सिर्फ गलत कार्य ही नहीं, अच्छे कार्य भी करते हैं। कुछ ऐसे ही बानगी छित्तुपुर क्षेत्र में देखने को मिली। बता दें कि मूर्तिकार गुथी हुई मिट्टी से प्रतिमा को आकार देते हैं। इसमें कुछ ऐसे भी हैं जिनकी कलाकारी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
बता दें की प्रतिभा गरीबी की मोहताज नहीं होती। पिताजी छोटी सी गोलगप्पे की दुकान चलाते हैं परंतु उनका बालक कुछ अलग कर रहा है जिसको देखकर लोग उसके पास खींचे चले आते हैं।
ऐसी ही प्रतिभा लंका क्षेत्र के छित्तुपुर गेट के समीप मूर्ति बनाने वाले 12 वर्षीय श्रेयांश में हैं। बिना फरमा (फ्रेम, सांचा) के ऐसी मूर्ति बनाता है कि लोग देखते ही रह जाएं। मंझे हुए मूर्तिकार भी नहीं पहचान पाते कि ये प्रतिमा बिना फ्रेम के बनाई गई है।

बालक के अंदर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने का गजब का जज्बा है। श्रेयांश विश्वकर्मा व उसका भाई किशन विश्वकर्मा साल भर जो जेब खर्च मिलता है, उसे इकट्ठा कर प्रतिमा बनाते हैं। बच्चा मूर्ति इतनी भव्य बनाता है कि लोगों की निगाहें टिक जाती हैं। बिना फरमा का प्रयोग किए यह बालक जो मूर्ति बनाता है तो लगता ही नहीं है कि इसमें फरमा का प्रयोग नहीं किया होगा।
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