रामपुर : प्राइवेट अस्पताल में महिला की मौत पर भड़के परिजन, चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप

भोट थाना क्षेत्र का गांव थूनापुर का मामला, आक्रोशित ग्रामीणों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए किया हंगामा

रामपुर : प्राइवेट अस्पताल में महिला की मौत पर भड़के परिजन, चिकित्सकों पर लगाया लापरवाही का आरोप

महिला की मौत की सूचना पर अस्पताल में हंगामा करते ग्रामीण।

भोट (रामपुर), अमृत विचार। एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत पर परिजन भड़क गए। ग्रामीणों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया। वहीं परिजन कानूनी कार्रवाई से इंकार करते हुए शव को अपने साथ ले गए।

थाना क्षेत्र के ही दरियागढ़ गांव निवासी गजेंद्र की पत्नी कंचन (21) को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार शाम को परिजनों ने उसे थूनापुर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों ने बताया कि देर शाम ऑपरेशन के बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था। उसके कुछ देर बाद महिला की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी।

चिकित्सकों ने उसे मुरादाबाद रेफर कर दिया। परिजन महिला को रात में ही मुरादाबाद स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। महिला की मौत की सूचना पर उसके घर में कोहराम मच गया। महिला की मौत के बाद मंगलवार सुबह परिजन शव को लेकर वापस थूनापुर स्थित अस्पताल में पहुंच गए। चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। थोड़ी ही देर में तमाम ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। अस्पताल प्रबंधन तथा चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। ग्रामीणों द्वारा हंगामे की सूचना पर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह समझाकर शांत कराया।

उपचार के दौरान महिला की मौत के बाद ग्रामीणों द्वारा हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची थी। आक्रोशित ग्रामीणों को समझाकर शांत करा दिया गया था। परिजनों द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से इंकार किया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है। - निशा खटाना, थाना प्रभारी।

झोलाछाप ले रहे लोगों की जान
जिले में झोलाछाप का मकड़ाजाल फैला हुआ है। यह लोग ग्रामीणों को मौत बांट रहें है। गर्भवती महिलाएं या बच्चे झोलाछाप की लापरवाही से मर रहे हैं लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य महकमा ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही करते हैं। स्वार और मिलक में पिछले दिनों निजी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है।

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