रामपुर: आवारा कुत्तों को नाश्ते में दूध ब्रेड और लंच-डिनर में मिल रहा चिकन

2700 कुत्तों के बधियाकरण करने का 39 लाख रुपये में हुआ है ठेका

रामपुर: आवारा कुत्तों को नाश्ते में दूध ब्रेड और लंच-डिनर में मिल रहा चिकन

रामपुर,अमृत विचार: आवारा कुत्तों को चार दिन तक नाश्ते में दूध ब्रेड और लंच डिनर में चिकन और चावल दे रही है। चार माह में 1500 कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है जबकि, शहर के 2700 कुत्तों के बधियाकरण करने के लिए बरेली की एक कंपनी को 39 लाख रुपये में ठेका दिया गया है। टीमों द्वारा कुत्तों को पकड़ने के बाद पनवड़िया स्थित डॉग सेंटर में चार दिन तक रखा जाता है। 
 
शहर में 2700 कुत्तों को पकड़ने का 39 लाख रुपये में जनवरी माह में ठेका हुआ था। चार माह के भीतर 1500 कुत्तों को नसबंदी हो चुकी है। 1200 और कुत्तों को पकड़ने के बाद ठेका खत्म हो जाएगा। कुत्तों के लिए नसबंदी के लिए चार कमरों का एबीसी डॉग सेंटर पालिका की ओर से बनाया गया है। डॉग सेंटर पर कुत्तों को चार दिन तक रखा जाता है।

कुत्तों को लंच और डिनर में खाने के लिए दलिया, चिकन और चावल दिए जा रहे हैं। हर सुबह नाश्ते में दूध और ब्रेड मिल रहा है। कुत्तों को नाश्ते में 100 से 150 ग्राम दूध और ब्रेड के चार पीस दिए जाते हैं। सेंटर के अधिकारी कुलदीप कुमार के मुताबिक कुत्तों को पकड़ने के लिए 39 लाख रुपये का ठेका जनवरी माह में हुआ थो। अब तक 1500 कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी करा चुके है। 

लेकिन इसके बाद भी शहर में आवारा कुत्तों की संख्या कम नहीं हो रही है। फिलहाल, जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 30-35 लोग कुत्ता काटे के आ रहे हैं। खासतौर पर शाहबाद गेट, पहाड़ी गेट, मोहल्ला घोसियान, घेर मियां खां, हामिद गेट, मोती मस्जिद, लाल कबर, जेल रोड, किला मैदान, खुर्शीद कन्या इंटर कॉलेज में आवारा कुत्ते सबसे अधिक देखे जा रहे हैं। यह कुत्ते झुंड के साथ चलते हैं और गलियों और मोहल्लों में लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। बढ़ती गर्मी के साथ कुत्ते हिंसक होते जा रहे है।

स्वास्थ्य विभाग के पास हैं 8000 एंटी रैबीज वैक्सीन
वर्ष 2023 में 3407 एंटी रैबीज के टीके लग चुके हैं। अभी स्वास्थ्य विभाग के पास 8000 के करीब एंटी रैबीज वैक्सीन हैं। खास बात यह है कि नगर पालिका में तादाद से बढ़ रहे आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए 39 लाख रुपये का ठेका कर दिया है। इसके लिए पनवड़िया स्थित एबीसी सेंटर बनवाया गया है। आवारा कुत्तों की तादाद कम करने के लिए बधियाकरण करने की योजना बनाई है। इतना सब होने के बाद भी शहरवासियों को कुत्तों से निजात नहीं मिल रही है।

गर्मी में अक्रामक क्यों हो जाते है कुत्ते
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. महेश कुमार कौशिक ने बताया कि इन सभी के पीछे मौसम में बदलाव बड़ी वजह है। खासकर गर्मी ज्यादा बढ़ने से कुत्तों में चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिलता है। ज्यादा तेज धूप और गर्मी कुत्ते सहन नहीं कर पाते हैं। इसलिए वह पानी के किनारे या फिर छांव वाली जगह ढूंढते है। चिड़चिड़े स्वभाव की वजह से वह अक्रामक हो जाते हैं।

किला मैदान में पालिका के दावों की खोल रही पोल
किला मैदान में सुबह के समय मार्निंग वाक पर लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां पर खड़े कुत्तों के झुंड पालिका के दावों की पोल खोल रहे हैं। जबकि पालिका के अधिकारी कुत्तों को पकड़वाने की वीडियो, फोटो खिंचवाकर कई ग्रुप में वायरल हो रहे हैं। सुबह के समय किला के मैदान में टहलने आए लोगों का कहना है कुत्तों को पकड़वाने के लिए मार्निंग वॉक एसोसिएशन की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से पालिका अधिकारियों को बताया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी कुत्तों की संख्या कम नहीं हो रही है। कुत्तों को पकड़वाने के लिए पालिका की ओर से जारी किए टोल फ्री नंबर 1503 से भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
 
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पकड़वाने के लिए नगर पालिका की ओर से कई टीमें तैनात की गई हैं। कुत्तों को पकड़वाने के लिए जरा सी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी-दुर्गेश्वर त्रिपाठी, ईओ नगर पालिका परिषद।

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