नए श्रम संहिता : कर्मियों, नियोक्ताओं के लिए सुनहरा मौका, पंजीयन कराएं
कानपुर, अमृत विचार। भारत सरकार की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए मजबूत कदम है। ये योजना कर्मियों एवं नियोक्ताओं दोनों के लिए लाभप्रद है। इसके पंजीयन की शुरुआत हो चुकी है, कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों इसका का लाभ उठायें। ये कहना है कि निधि आयुक्त-1 शाहिद इकबाल का।
शुक्रवार को भविष्य निधि कार्यालय में निधि आयुक्त-1 का कहना है कि ये केवल एक योजना नहीं है बल्कि ऐसा अवसर है जिसके माध्यम से नियोक्ता अपने कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के मजबूत ढांचे में जोड़ सकते हैं। उनका कहना है कि नए श्रम संहिता के दौर में कर्मचारी नामांकन अभियान 2025 से कर्मियों एवं नियुक्ता दोनों के लिए शुनहरा मौका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना में तुरंत पंजीयन कराना चाहिए। नए श्रम संहिताओं (न्यू लेबर कोड) के एतिहासिक कार्यान्वयन के बीच भारत सरकार ने कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच प्रदान करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।
पंजीयन के उपरांत नए पात्र कर्मियों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है जिसमें पहली बार भर्ती होने वाले कर्मियों को 1500 रुपये तक का लाभ मिलता है। नियोक्तोंओं को 2 से 4 साल तक 3,000 रुपये प्रति माह का लाभ मिलता है। इसका भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा। किसी भी प्रकार की समस्यसा पर ईपीएफओ की अधिकारिक वेबसाइट पर या क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
- नामांकन की पात्रता: नियोक्ता अपने प्रतिष्ठान में 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 तक कार्यरत रहे सभी पात्र कर्मियों को नामांकित कर सकते हैं।
- कर्मचारी अंशदान में छूट: पिछली अवधि के लिए कर्मचारी का अंशदान यदि जमा नहीं हुआ है तो पूरा माफ हो जाएगा।
- नियोक्ता का योगदान: नियोक्ताओं को केवल पिछली अवधि का नियोक्ता अंशदान, लाहू ब्याज ओर प्रशासनिक शुल्क जमा करना होगा। ये प्रक्रिया सरल और त्वरित है।
- दंड शुल्क में भारी छूट: दंड या क्षतिपूर्ति शुल्क को घटाकर मात्र 100 रुपये (एकमुश्त) कर दिया गया है।
