मुरादाबाद: महानगर में छठ पूजा की तैयारियां शुरू, घाटों की सफाई में जुटे आयोजक

17 नवंबर को नहाय-खाय से होगी छठ पूजा की शुरुआत, कल के बाद से खरीदारी, रामगंगा नदी के तट, बुद्धि विहार, लाइनपार और कपूर कंपनी क्षेत्र में विशेष तैयारी

मुरादाबाद: महानगर में छठ पूजा की तैयारियां शुरू, घाटों की सफाई में जुटे आयोजक

मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में छठ पूजा की तैयारियां तेज हो गई हैं। 17 नवंबर को नहाय-खाय से पर्व की शुरुआत होगी। इसके लिए विशेष रूप से घाट तैयार किए जा रहे हैं। पूर्वांचल समिति के लोग इस समय घाटों की सफाई में जुट गए हैं। चट्टा पुल के पास रामगंगा नदी पर, बुद्धि विहार में भी छठ पूजा की जाएगी। कपूर कंपनी और सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट के नजदीक रामगंगा नदी तट पर पूजा के लिए घाट तैयार किए जाएंगे। 20 नवंबर तक छठ पर्व मनाया जाएगा। पहला अर्घ्य 19 नवंबर को और दूसरा 20 नवंबर को दिया जाएगा।

लाइनपार क्षेत्र के लोगों के लिए कपूर कंपनी हुलका मंदिर के पास छठ पूजा की तैयारी विशाल सिंह गोलू (पार्षद) एवं दिशांत शुक्ला की देखरेख में हो रही है। छठ पूजा समिति के सदस्य विशाल सिंह गोलू ने बताया कि छठ पूजा का विशेष महत्व है। महिलाएं पति व संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। वहीं पुरुष इसकी तैयारी में पूरा सहयोग करते हैं। छठ पूजा पार्क में तालाब तैयार किया जाएगा, यहां करीब 12-13 वर्ष से छठ पूजा हो रही है। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा पर्व है। घाटों को तैयार करने से लेकर बाजार से सामान और घर में व्रत की तैयारियां तेज हैं।

छठ पूजा सेवा समिति के सदस्य में परमजीत सिंह, भूपेश कुमार सिंह, धर्मवीर सिंह, अमन सिंह, मुनेंद्र गिरी, निशांत कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, उमेश भारती, अंकित सिंह, शिवम सिंह, मंजीत सिंह, श्रीकांत वर्मा, रूपलाल, रंजीत सिंह जायसवाल, हेमंत कुमार झा, बेबी सिंह, सुजीता सिंह, तान्या सिंह, शालू सिंह, सलोनी सिंह, पिंकू देवी, कंचन सिंह आदि की निगरानी में पूजा स्थल की सफाई और अन्य जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं।

क्या होता है नहाय खाय
मुरादाबाद। कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य कामेश मिश्र कहते हैं कि सूर्य की उपासना का महापर्व छठ चार दिन तक चलता है। इसका पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। नहाय- खाय 17 नवंबर को है। इस दिन सूर्योदय 6:45 बजे होगा वहीं, सूर्यास्त शाम 5:27 बजे होगा। छठ पूजा में हिस्सा लेने वाले नहाय खाय परंपरा में व्रती नदी में स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं। कहीं- कहीं अपरिहार्य स्थिति में पुरुष भी यह व्रत रखते हैं।

आचार्य ने बताया कि हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार छठ पूजा का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रख जाता है। छठ पूजा में 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जल उपवास रखते हैं। छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है। लेकिन, यह पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।

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