मुरादाबाद: अब जालसाज अपना रहे ‘मीशो’ का फार्मूला, 17,000 ठगे

मुरादाबाद: अब जालसाज अपना रहे ‘मीशो’ का फार्मूला, 17,000 ठगे

मुरादाबाद, अमृत विचार। जालसाजों ने लोगों को ठगने के लिए अब मीशो का नया तरीका निकाला है। ऑनलाइन खरीदारी करने वालों का डाटा प्राप्त कर जालसाज स्मार्ट क्राइम में सफल हो रहे हैं। मीशो की तरफ से लोगाें को डाक पत्र भेजकर लकी-ड्रॉ में चयन होने का लालच देकर ठगी की जा रही है।

ऐसा ही एक मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र में सामने आया है। संबंधित व्यक्ति को भरमाकर ठगों ने 17,000 से अधिक रुपये ठग लिए। ठगी के नए फार्मूलों को देख साइबर क्राइम से जुड़े विशेषज्ञ भी हैरान हैं। दो दिन पहले पीड़ित ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराते हुए मीशो की तरफ से लकी-ड्रॉ में चयन संबंधी दिया गया दस्तावेज और डाक पत्र भी सौंपा है। इन दस्तावेजों में चयनित व्यक्ति को दिया गया बधाई पत्र भी है।

इसमें कहा गया है कि मीशो ऑनलाइन शॉपिंग की 9वीं सालगिरह पर कुछ ग्राहकों काे लकी-ड्रॉ के माध्यम से चुना गया था। इसमें आप भी भाग्यशाली विजेता चुने गए हैं। साथ में एक स्क्रेच कूपन दिया है।

पीड़ित ने इसे स्क्रेच किया तो उसमें 8.20 लाख रुपये की कार अंकित मिली। इसके अलावा बधाई पत्र पर लिखा था कि स्क्रेच करने पर निकले ईनाम को पाने के लिए संबंधित हेल्पलाइन नंबर पर कॉल या एसएमएस करें। शर्त थी कि सभी सरकारी टैक्स व प्रक्रिया शुल्क विजेता को अग्रिम देने होंगे। 

इस तरह के लालच में आए सिविल लाइन निवासी व्यक्ति ने संबंधित हेल्पलाइन नंबर पर कॉल की। इस पर ठग ने उससे जीएसटी व अन्य टैक्स के नाम पर 17,000 रुपये से अधिक की धनराशि ठग ली। रुपये देने के बाद भी सामान नहीं मिला तो पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। शिकायत मिलने पर साइबर क्राइम सेल की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

ऑनलाइन मार्केटिंग से लीक हो रहा ग्राहक का डाटा 
मुरादाबाद : साइबर क्राइम सेल के प्रभारी ने बताया कि ऑन लाइन शॉपिंग करने वालों को ध्यान देना होगा। जब भी वह किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए अपने घर का पता ऑनलाइन करते हैं, मोबाइल नंबर भी डालते हैं। मौका लगता है तो बिना सोचे-समझो अपने बैंक खाते का विवरण भी दर्ज कर देते हैं। उनका यही विवरण साइबर ठगी करने वाले पा लेते हैं। चूंकि संबंधित के घर सीधे डाक से लकी-ड्रॉ में चयनित होने का पत्र पहुंचता है, इसलिए व्यक्ति उसे सच मान लेता है। इसके बाद उसमें दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करने लगता हैं और ठगी का शिकार हो जाता हैं।

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