मुरादाबाद : औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं घोल रहा हवा में जहर
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर विशेष: पेड़ों की संख्या कम होने से बढ़ रहा प्रदूषण, स्वच्छ पर्यावरण के लिए जन जागरुकता जरूरी, नदियों के किनारे पसरी गंदगी से बढ़ रहा जल प्रदूषण, रामगंगा में गिर रहे गंदे पानी के नाले
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मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं हवा में जहर घोल रहा है। पेड़ों की संख्या भी कम होने से प्रदूषण बढ़ रहा है। नदियों के किनारे पसरी गंदगी जल प्रदूषण बढ़ा रही है। महानगर का गंदा पानी रामगंगा नदी को ही प्रदूषित नहीं कर रहा, बल्कि जलीय जीवों के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है। नदियों की स्वच्छता और स्वच्छ पर्यावरण के लिए जन जागरुकता जरूरी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
आज के दौर में प्रदूषण एक प्रमुख समस्या बनता जा रहा है। प्रदूषण की समस्या से महानगर भी अछूता नहीं है। दिवाली पर यहां भी प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया, महानगर के कई इलाके तो रेड जोन में आ गए। सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा मिल सके, इसके लिए लोगों को पहल करने की जरूरत है, नहीं तो आए दिन हवा प्रदूषित होती जा रही है। 2 दिसंबर को भोपाल में एक इकाई से निकली गैस से हजारों लोग चपेट में आए थे। भोपाल गैस त्रासदी को याद कर लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दो दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है।
महानगर में करीब 2000 औद्योगिक इकाइयां हैं। जहां पर ब्रास समेत दूसरे काम होते है। इनसे निकलने वाला धुआं भी वातावरण को प्रदूषित करने में प्रमुख कारक है। हालांकि विभागीय अधिकारी समय-समय पर औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों को जागरूक करते हैं। उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। जितना प्रदूषण कम होगा, लोग उतने ही सेहतमंद होंगे। छोटे बच्चों से लेकर बड़े भी प्रदूषण की चपेट में आ रहे है। जिससे सांस की बीमारी भी बढ़ रही है। ध्वनि और जल प्रदूषण भी बढ़ रहा है। नदी किनारे पसरी गंदगी वातावरण को प्रदूषित कर रही है। इसका असर जलीय जीवों पर भी पड़ता है। तेज शोर से ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। 15 साल की उम्र पार कर चुके वाहन भी प्रदूषण फैला रहे हैं।
महानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक
स्थल का नाम एक्यूआई
बुद्धि विहार 137
ट्रांसपोर्ट नगर 199
ईको हर्बल पार्क 206
सेवायोजन कार्यालय 171
प्रदूषण कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। औद्योगिक आपदा को रोकने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। औद्याेगिक इकाइयों में प्रदूषण नियंत्रण उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। समय-समय पर गोष्ठियों का आयोजन होता है। प्रदूषण कम करने के लिए सभी को पहल करने की जरूरत है। सरकार भी अक्षय ऊर्जा स्रोत को बढ़ावा दे रही है।- आशुतोष चौहान, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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