बरेली: नशे की लत बिगाड़ रही भविष्य, नशा छुड़वाने हर महीने जिला अस्पताल पहुंच रहे 350 लोग 

बरेली: नशे की लत बिगाड़ रही भविष्य, नशा छुड़वाने हर महीने जिला अस्पताल पहुंच रहे 350 लोग 

बरेली, अमृत विचार। आज के दौर में नशा तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। बड़ों से लेकर अब बच्चे भी नशा के आदी होते जा रहे हैं, जिससे उनके परिजनों को काफी परेशानी भी उठानी पड़ती है। नशा की लत के चलते बड़ी संख्या में तमाम परिवार बिखर चुके हैं। फिर भी नशा करने वालों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।

शासन-प्रशासन की ओर से भी नशा के खिलाफ लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही नशे की आदत छुड़वाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र जैसी तमाम संस्थाएं शुरू की गईं हैं। जहां दवाइयों और काउंसलिंग के जरिए नशे की लत छुड़वाई जा रही है। अगर हम बात करें बरेली की, तो राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में स्थित मन कक्ष से तमाम मानसिक बीमारियों समेत नशा से छुटकारा दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। ॉ

जहां डिस्ट्रिक्ट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के तहत तैनात मनो चिकित्सक डॉ आशीष बताते हैं कि उनके पास तम्बाकू, शराब, भांग और अफीम समेत सभी तरह का नशा करने वाले मरीज भी आते हैं। लेकिन इस समय तम्बाकू के मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिसमें 15 से 20 साल आयु वर्ग के मरीजों की भी बड़ी संख्या है। जबकि सबसे अधिक संख्या में नशे के मरीजों में 20 से 45 आयु वर्ग के मरीज पहुंचे रहे हैं।

जो काउंसलिंग और दवाइयों की मदद से दो-तीन सप्ताह में नशा छोड़ सकते हैं। डॉ अशीष के मुताबिक 70-80 प्रतिशत मरीज काउंसलिंग के बाद ही नशा छोड़ देते हैं। वहीं नशे से छुटकारा पाने के लिए 350 से अधिक मरीजों को उनके परिजन हर महीने लेकर जिला अस्पताल के मन कक्ष में पहुंच रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि मरीजों का दो तरह से इलाज किया जा रहा है। पहले जो मरीज नशे के कारण गंभीर हालत में होते हैं, उसका नशा उतारा जाता है। फिर उसके बाद जब मरीज को नशे की तलब लगती है तब उसे दवाइयों का सेवन कराया जाता है। साथ ही मरीजों की काउंसलिंग भी की जाती है, जिससे मरीज जल्द से जल्द उत्साहित होकर नशा छोड़ सके।

वहीं नैदानिक मनो वैज्ञानिक खुशअदा ने बताया कि काउंसलिंग के समय पहले मरीजों को नशा छोड़ने के लिए उत्साहित किया जाता है। जब वह नशा छोड़ देते हैं, तब दूसरी काउंसलिंग की जाती है। ताकि वह दोबारा नशा शुरू न करें।

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