Good News: फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड हो जाएंगे व्यवसायिक, लोकसभा चुनाव से पहले मिल जाएगा ये तोहफा
कानपुर में फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड हो जाएंगे व्यवसायिक।
कानपुर में फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र के भूखंड हो जाएंगे व्यवसायिक। मनमाने तरीके से तमाम उद्यमी पहले से ही कर रहे व्यवसायिक गतिविधियां।
कानपुर, (राजीव त्रिवेदी)। फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों का भू उपयोग बदलने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। ऐसे आवंटी जिन्होंने अपने उद्योगों को बंद कर दिया है और अब वे इकाई परिसर में ही व्यवसायिक गतिविधि संचालित करना चाहते हैं उनके लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है।
क्योंकि उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। माह के अंत तक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग विकास प्राधिकरणों से बात कर इसके लिए शासनादेश जारी कर देगा। इसमें तय हो जाएगा कि भूखंड का भू उपयोग बदलने के लिए विकास प्राधिकरणों को कितना शुल्क देना होगा।
विभाग यह सुविधा वर्तमान में लागू एमएसएमई नीति के तहत ही देगा। लोकसभा चुनाव से पहले उद्यमियों के लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं होगा। शहरी क्षेत्रों में होने के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में माल लाने और भेजने में उद्यमियों को खासी दिक्कत होती है। नो इंट्री के कारण ट्रकों को शहर के बाहर ही रोकना पड़ता है और फैक्ट्री से भेजने के लिए नो इंट्री से पहले ही ट्रकों को निकालना पड़ता है।
इन समस्याओं के कारण ही तमाम उद्यमियों ने अब उद्योगों को शहर से बाहर शिफ्ट कर लिया है और तमाम ऐसे हैं जिन्होंने औद्योगिक इकाई को बिना विभाग की अनुमति के ही व्यावसायिक गतिविधि में बदल लिया है। हालांकि उनकी यह गतिविधि अवैध है। एमएसएमई विभाग के अधिकारी कभी भी उन्हें नोटिस देकर लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में आवंटन रद कर सकते हैं।
उद्यमी चाहते हैं कि किसी तरह से उनके औद्योगिक भूखंडों का भू उपयोग बदलकर व्यवसायिक कर दिया जाए ताकि वे आसानी से वहां इकाई बंद कर उसका उपयोग दूसरे कार्यों में कर सकें। अब विभाग उनकी मांग को पूरी करने जा रहा है। ऐसे में शहरी क्षेत्र में आ चुकी फजलगंज और दादानगर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
फजलगंज में करीब आठ सौ और दादानगर में करीब छह सौ औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं। ऐसे उद्यमी अब भू उपयोग परिवर्तन आसानी से करा सकेंगे। अब हर किसी को शासनादेश जारी होने का इंतजार है। शासनादेश के बाद ही पता चलेगा कि विभाग किन शर्तों पर भू उपयोग परिवर्तन कराएगा।
शासनादेश लागू होने से पहले विभागीय अधिकारी कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर व अन्य विकास प्राधिकरणों से बात कर रहे हैं। कानपुर में केडीए को भू उपयोग परिवर्तन करना है। शासनादेश लागू होने का इंतजार केडीए के अधिकारियों को भी है।
औद्योगिक क्षेत्र की संरचना विशेष रूप से उसकी परिस्थितियों को देखकर की गई है। व्यवसायिक होने पर क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बाधित होंगी। प्रदूषण विभाग से एनओसी लेने में दिक्कत आएगी। जिन उद्योगों को एमएसएमई योजनाओं के तहत लाभ मिल रहा है उनकी सहूलियतें और सब्सिडी कालातीत हो जाएंगी।– उमंग अग्रवाल, महामंत्री फीटा
सरकार का फैसला बहुत ही सराहनीय है। शहरी क्षेत्र में औद्योगिक इकाई होने की वजह से ट्रांसपोटेशन की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। नो इंट्री के समय न हम शहर के बाहर माल भेज पाते हैं और न ही बाहर से हमारे ट्रक आ पाते हैं। उद्यमियों की मांग पूरी होने जा रही है। जल्द से जल्द नियम को लागू किया जाना चाहिए।– अभिनव तिवारी, उद्यमी
सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों को व्यवसायिक करने की सहूलियत दिए जाने से नए कारोबार के रास्ते खुलेंगे। रोजगार बढ़ेगा और शहर के बीच में बसे औद्योगिक क्षेत्रों की वजह से होने वाले प्रदूषण और ट्रकों के जाम से निजात मिलेगी। उद्योगों से निकलने वाले उत्प्रवाह से निकटवर्ती वाणिज्य व रिहायस क्षेत्रों को होने वाले नुकसान से मुक्ति मिलेगी।- रजत गुप्ता, उद्यमी
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